दिल बेजुबां है वरना हम बोल भी देते
दिल बेजुबां है वरना हम बोल भी देते
हर राज़ अपने दिल का हम खोल भी देते
तूम हमपे तरस खाके देती हो शराब साकी
जो दिलबर तरस खाए तो पीना छोड़ भी देते
ये इश्क तो इकरार न इंकार है ऐ दोस्त
कभी आईना जो बोले तो उसे तोड़ भी देते
फिर रात ढ़ल रही है आशियां में तेरे ‘राज़’
उनकी याद ना आए तो जीना छोड़ भी देते
हर राज़ अपने दिल का हम खोल भी देते
तूम हमपे तरस खाके देती हो शराब साकी
जो दिलबर तरस खाए तो पीना छोड़ भी देते
ये इश्क तो इकरार न इंकार है ऐ दोस्त
कभी आईना जो बोले तो उसे तोड़ भी देते
फिर रात ढ़ल रही है आशियां में तेरे ‘राज़’
उनकी याद ना आए तो जीना छोड़ भी देते