जलते दिल की खामोशी ये कह गई
रात भींगी चांदनी में जल गई
खाक में तस्वीर तेरी मिल गई
याद का साया कहीं मिलता नहीं
बेखुदी में मेरी शम्मा बुझ गई
सुरमई दिल से है खूं बह रहा
कागज पे सुर्ख गजल बह गई
आग के दामन में तेरा नाम है
जलते दिल की खामोशी ये कह गई
खाक में तस्वीर तेरी मिल गई
याद का साया कहीं मिलता नहीं
बेखुदी में मेरी शम्मा बुझ गई
सुरमई दिल से है खूं बह रहा
कागज पे सुर्ख गजल बह गई
आग के दामन में तेरा नाम है
जलते दिल की खामोशी ये कह गई