जीने का मजा उसी ने है दी मरने की सजा उसी ने है दी उसके सिवा क्या पाने को था खोने की दुआ उसी ने है दी खयालों से उठते हुए दर्द को बढ़ने की दवा उसी ने है दी देखकर जिसे मैं इबादत करूं आंखों में खुदा उसी ने है दी