वो जो तन्हा सा, परेशां सा है
वो जो तन्हा सा, परेशां सा है
इस दुनिया में दिले-नादां सा है
जाने क्या खो गया उसका अपना
अजनबी खुद से ही अंजान सा है
इस जमाने की भरी महफिल में
किसी कोने में रखे सामां सा है
कोरे कागज से उदास चेहरे पे
आंसुओं से लिखा बयां सा है
इस दुनिया में दिले-नादां सा है
जाने क्या खो गया उसका अपना
अजनबी खुद से ही अंजान सा है
इस जमाने की भरी महफिल में
किसी कोने में रखे सामां सा है
कोरे कागज से उदास चेहरे पे
आंसुओं से लिखा बयां सा है