अनोखी घटना- कुछ ही दिनों में होने वाली थी लाइलाज बीमारी से मौत, लेकिन मधुमक्खीयों ने काटा तो बच गई जान
कभी कभी कुछ ऐसी घटनाएं घटित होती है जो हमें अचंभित कर देती है। ऐसी ही
एक घटना एक अमेरिकी महिला 'एली लोबेल' के साथ घटित हुई। अपने अंतिम दिन गिन
रही एली लोबेल को जब मधुमक्खियों ने काटा तो उसे जैसे संजीवनी बूटी मिल
गई। इस घटना के बाद लाइलाज बीमारी से ग्रसित एली लोबेल के दम स्वस्थ्य हो
गई। लेकिन आखिर हुआ क्या था एली लोबेल के साथ, आइए जानते है एली लोबेल की
कहानी।
जब वह 27 साल की थी तो उसे एक 'डियर टिक' कीड़े ने काटा था। इस कीड़े के
काटने से उसे लाइम नामक बीमारी हो गई थी। इस बीमारी में लोगों को लगातार
बुखार रहता है और शरीर पर जगह-जगह लाल चकत्ते हो जाते हैं। लाइम बीमारी
अमेरिका में हर साल 3 लाख लोगों को होती है। लेकिन अब इसका इलाज मुमकिन हो
गया है। लेकिन सालों पहले जब एली को यह बीमारी हुई, तब इसका इलाज़ तभी ही
मुमकिन था जब इसे तुरंत पहचान लिया जाए अन्यथा यह बीमारी लाइलाज बन जाती
थी।
डॉक्टर ने इलाज़ शुरू किया। लेकिन कोई आराम नहीं मिला। उसने डॉक्टर चेंज किया, पर दूसरे डॉकटर के ट्रीटमेंट से भी उसे कुछ आराम नहीं मिला। इस तरह से वो साल भर तक डॉक्टर्स ही बदलती रही, लेकिन उसे किसी भी डॉक्टर के इलाज़ से आराम नहीं मिला क्योंकि डॉक्टर उसकी बीमारी को नहीं पकड़ पा रहे थे।
लगभग साल भर बाद डॉक्टर ने उसकी बीमारी पकड़ी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उसकी बीमारी लाइलाज बन चुकी थी। डॉक्टर ने उसका इलाज़ शुरू किया पर उसकी तबियत धीरे- धीरे ज्यादा खराब होने लगी। इलाज़ जारी रहा और इस तरह से 15 साल गुजर गए।
अब एली लोबेल ज़िन्दगी के अंतिम चरण में पहुँच गई थी। उसका उठाना-बैठना, चलना-फिरना बहुत मुश्किल हो गया था। अब वो केवल बेड या व्हील चेयर पर ही रहती थी। उसकी याददाश्त बहुत कमजोर हो गई थी। डॉकटरों ने कह दिया था की अब वो बस 3-4 महीनो की मेहमान है।
यह जानकार की वो अब कुछ दिनों की मेहमान है, वो अपना आखिरी वक़्त एकांत में बिताने के लिए कैलिफोर्निया आ गई। उसने इलाज़ बंद कर दिया और वही रहकर मरने का इंतज़ार करने लगी। उसके साथ केवल उसकी एक सेविका थी।
एक दिन ताज़ा हवा खाने के लिए वो कुछ वक्त के लिए वह कमरे से बाहर निकली और एक टूटी हुई दीवार के सहारे खड़ी हो गई। अचानक एक मधुमक्खी उसके सिर से टकराई और उसे एक झटका-सा लगा। फिर उसके चारों ओर मधुमक्खियां ही मधुमक्खियां और उनकी घनघनाहट वाली गुंज थी। सारी मधुमक्खियां उसे काट रही थीं। वो कही भाग भी नहीं सकती थी। उसने सोचा बढ़िया है उसकी मौत आज ही जाएगी। वो आँखों को अपने हाथो से बंद करके बैठी रही ताकि कोई मधुमक्खी उसकी आँखों में न काट ले।
कुछ ही देर में मधुमक्खियां वहा से उड गई। जब मधुमक्खियां उड गई तो उसकी सेविका ने उसे हॉस्पिटल ले जाना चाहा पर उसने मना कर दिया। घर आकर उसने अपने आपको एक कमरे में बंद कर लिया और अपनी सेविका को कहाँ की वो कल उसकी डेड बॉडी संभाल ले।
लेकिन एली लोबेल नहीं मरी। न तो उस दिन और न ही अगले 3 - 4 महीनो में।
बल्कि मधुमक्खियों के जहर ने उसके लिए जीवन रक्षक दवाई का काम किया। उसकी
तबियत में बहुत तेज़ी से सुधार होने लगा। उसकी याददाश्त सही हो गई, उसके
हाथ पैर सही हो गए। इन बातों को तीन साल बीत चुके है और आज एली लोबेल एक
सामान्य इंसान की तरह जीवन व्यतीत कर रही है।
एली को अफ्रीकन प्रजाति की मधुमक्खियों ने काटा था। मधुमक्खियों के शरीर में कई तरह के केमिकल होते हैं। इसी केमिकल से मधुमक्खियां शहद भी तैयार करती है। यहां भी मधुमक्खियों के भीतर मौजूद केमिकल ने महिला के लिए दवा का काम किया और वह बच गई। आज वह बिल्कुल स्वस्थ है और उसकी कहानी दुनिया भर में पढ़ी जा रही है। कई डॉक्टर और साइंटिस्ट भी इस मामले को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
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एली लोबेल |
एली लोबेल के केस में यही हुआ। जब एली लोबेल को इस कीड़े ने काटा तो उसने
समझा की उसे किसी सामान्य सी मकड़ी ने काटा है इसलिए उसने इसे इग्नोर किया
और किसी डॉक्टर को नहीं दिखाया। इस कीड़े के काटने के कारण उसे कुछ बुखार और
दर्द महसूस हुआ तो उसने सामान्य दवाइया ले ली। उससे कुछ वक़्त के लिए आराम
मिला उसके बाद पुनः तकलीफ शुरू हो गई तो उसने पुनः दवाइयाँ ले ली। इस तरह
से एली लोबेल ने 2 महीने निकाल दिए। जब तकलीफ ज्यादा ही बढ़ गई तो उससे
डॉक्टर से कंसल्ट किया।
डॉक्टर ने इलाज़ शुरू किया। लेकिन कोई आराम नहीं मिला। उसने डॉक्टर चेंज किया, पर दूसरे डॉकटर के ट्रीटमेंट से भी उसे कुछ आराम नहीं मिला। इस तरह से वो साल भर तक डॉक्टर्स ही बदलती रही, लेकिन उसे किसी भी डॉक्टर के इलाज़ से आराम नहीं मिला क्योंकि डॉक्टर उसकी बीमारी को नहीं पकड़ पा रहे थे।
लगभग साल भर बाद डॉक्टर ने उसकी बीमारी पकड़ी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उसकी बीमारी लाइलाज बन चुकी थी। डॉक्टर ने उसका इलाज़ शुरू किया पर उसकी तबियत धीरे- धीरे ज्यादा खराब होने लगी। इलाज़ जारी रहा और इस तरह से 15 साल गुजर गए।
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अफ्रीकन प्रजाति की मधुमक्खी, जिसके काटने से बची एली लोबेल की जान |
अब एली लोबेल ज़िन्दगी के अंतिम चरण में पहुँच गई थी। उसका उठाना-बैठना, चलना-फिरना बहुत मुश्किल हो गया था। अब वो केवल बेड या व्हील चेयर पर ही रहती थी। उसकी याददाश्त बहुत कमजोर हो गई थी। डॉकटरों ने कह दिया था की अब वो बस 3-4 महीनो की मेहमान है।
यह जानकार की वो अब कुछ दिनों की मेहमान है, वो अपना आखिरी वक़्त एकांत में बिताने के लिए कैलिफोर्निया आ गई। उसने इलाज़ बंद कर दिया और वही रहकर मरने का इंतज़ार करने लगी। उसके साथ केवल उसकी एक सेविका थी।
एक दिन ताज़ा हवा खाने के लिए वो कुछ वक्त के लिए वह कमरे से बाहर निकली और एक टूटी हुई दीवार के सहारे खड़ी हो गई। अचानक एक मधुमक्खी उसके सिर से टकराई और उसे एक झटका-सा लगा। फिर उसके चारों ओर मधुमक्खियां ही मधुमक्खियां और उनकी घनघनाहट वाली गुंज थी। सारी मधुमक्खियां उसे काट रही थीं। वो कही भाग भी नहीं सकती थी। उसने सोचा बढ़िया है उसकी मौत आज ही जाएगी। वो आँखों को अपने हाथो से बंद करके बैठी रही ताकि कोई मधुमक्खी उसकी आँखों में न काट ले।
कुछ ही देर में मधुमक्खियां वहा से उड गई। जब मधुमक्खियां उड गई तो उसकी सेविका ने उसे हॉस्पिटल ले जाना चाहा पर उसने मना कर दिया। घर आकर उसने अपने आपको एक कमरे में बंद कर लिया और अपनी सेविका को कहाँ की वो कल उसकी डेड बॉडी संभाल ले।
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डियर टिक। इसी प्रजाति के एक कीड़े के काटने से वह मौत के करीब पहुंची थी |
एली को अफ्रीकन प्रजाति की मधुमक्खियों ने काटा था। मधुमक्खियों के शरीर में कई तरह के केमिकल होते हैं। इसी केमिकल से मधुमक्खियां शहद भी तैयार करती है। यहां भी मधुमक्खियों के भीतर मौजूद केमिकल ने महिला के लिए दवा का काम किया और वह बच गई। आज वह बिल्कुल स्वस्थ है और उसकी कहानी दुनिया भर में पढ़ी जा रही है। कई डॉक्टर और साइंटिस्ट भी इस मामले को समझने की कोशिश कर रहे हैं।