रिश्ते बड़े अजीब
1. लहरों की ज़िद पर क्यों अपनी शक़्ल बदल लेतीं है ,
दिल जैसा कुछ होता होगा शायद इन चट्टानों में।
2. पत्थर से आदमी के हैं रिश्ते बड़े अजीब,
किसी ने मारी ठोकर , और कोई जल चढ़ा गया।
3. अहदे हाज़िर में शराफ़त नहीं जीने देगी,
फूल इक हाथ में, इक हाथ में पत्थर रखना।
दिल जैसा कुछ होता होगा शायद इन चट्टानों में।
2. पत्थर से आदमी के हैं रिश्ते बड़े अजीब,
किसी ने मारी ठोकर , और कोई जल चढ़ा गया।
3. अहदे हाज़िर में शराफ़त नहीं जीने देगी,
फूल इक हाथ में, इक हाथ में पत्थर रखना।