Mix Shayri collection 10 / मिक्स शायरी संग्रह 10
तेरे होने पर खुद को तनहा समझू !
मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू!!
********
मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर बोलते हैं,
रहते हैं कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते है.
*********
“इश्क़ ऐसा करो कि धड़कन मे बस जाए,
सांस भी लो तो खुश्बू उसी की आए,
प्यार का नशा आँखो पे ऐसा छाए,
बात कोई भी हो,पर नाम उसी का आए.”
********
कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी…
बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते…
*********
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी.
*******
वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है …
खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी ..
*******
चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये…
अब मजा देने लगी हैं जिदगी की मुश्किलें…!!!
*******
“हम तो बस लिख देते हैं जहन में आ जाता है
जो,
जुड़ जाता है आपके दिल से तो बस इत्तेफाक
समझिये…!”
*******
ज़रा देख दरवाज़े पर दस्तक किसने दी है
अगर हो इश्क तो कहना, यहाँ दिल नहीं रहता..
*********
“मतलबी लडकी से अच्छी तो मेरी सिगरेट हे
यारो..
जो मेरे होठ से अपनी जिंदगी शुरू करती हे ओर
मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड देती हे…!”
*********
दौलत की भूक ऐसी के घर से निकल गए
दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए।
********
फुल हो तुम मुरझाना नहीं, साथ छोड़ के कभी दूर जाना नहीं…
जब तक हम जिन्दा है ऐ दोस्त कभी किसी से
घबराना नही…
********
बेक़सूर ज़िंदगी इल्ज़ामों से घिरी रही
कसूरवार हँसता रहा मुझ पर ताउम्र …..
*********
शुबह होती नही शामढलती नही
नज़ाने क्या खूबी है आप मे के
आप को यादकिए बिना खुशी मिलती नही
*********
मंज़िलों से गुमराह भी ,कर देते हैं कुछ लोग ।।
हर किसी से ,रास्ता पूछना ,अच्छा नहीं होता ।।।
********
“हर एक शख्स ने अपने अपने तरीके से इस्तेमाल किया हमें..
और हम समझते रहे लोग हमें पसंद करते हैं !!”
*********
“कम से कम दो चार लोगों से रिश्ते बनाये रखिये, क्युंकि
कब्र तक लाश को दौलत नहीं ले जाया करती ।”
********
रानी के बगेर बादशाह की सब चाल अधूरी होती है, लेकिन मेरी ज़िन्दगी ताश के एक्के की तरह है, ना तो रानी के आने से फरक पड़ता है या जाने से …
********
एक सच्चा दिल सब के पास होता हैं
फिर क्यों नहीं सब पे विश्वास होता हैं
इंसान चाहे कितना भी आम हो
वो किसी न किसी के लिए जरुर खास होता हैं.
********
क्यूँ न हो मेरी नज़रों को शिकायत रात से.
सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है….
********
जो कोई समझ ना सके वो बात है हम.
जो ढलके नयी सुबह लाये वो रात है हम.
छोड देते है लोग रीश्ते बनाकर.
जो कभी छोडके ना जाये वो साथ है हम.
********
ये बद्दुआयें अपने पास ही रखो साहब,
मुझे मुहब्बत है, खुद ही मर जाऊँगा !!,
********
खतरा है इस दौर में, बुजदिलों से दिलेर को,
धोखे से काट लेते हैं ”कुत्ते” भी ”शेर” को..
*********
आज़ाद परिंदा बनने का मज़ा ह कुछ और है,
अपने शर्तो पे ज़िन्दगी जीने का नशा ही कुछ और हैं. .
*********
तमन्नाओ की महफ़िल….. तो हर कोई सजाता है,,
पूरी उसकी होती है…… जो तकदीर लेकर आता है..!!
*********
बर्बाद वो अपने इश्क में मुझे कर के बोले ____
“तुम वो नहीं जिसकी मुझे तलाश थी”
********
जिधर देखो, उधर मिल जायेंगे, अखबार नफरत के
बहुत दिन से, मोहब्बत का न देखा, एक खत यारो !!
*********
अब हमें भी नहीं रखना शौक तेरी मुहब्बत का,
जो रुला सकता है वो भूला भी सकता है….
********
हर नए ज़ख़्म पे यूँ ही नहीं मुस्कुरा देते ..
याद आता है मुझे जान से प्यारा कोई!!!!!
********
आग लगी थी मेरे घर मे,
बचा ही क्या है ?
मैँने कहा-“मैँ बच गया हूँ ”
वो बोली-“तो फिर जला ही क्या है”?
********
लौट आती है ये जा जा के
नये जिस्म में क्यों,
आखिर इस रूह का
इस दुनिया से रिश्ता क्या है….
********
जो तेरी आंखो से बयान होते हैं,
वो लफ़्ज़ किताबों मे कहाँ मिलते हैं…
********
“यूँ ही जिंदगी की कशमकश में थोड़ा उलझ गये हैं यारों,
वरना हम तो दुश्मनों को भी अकेला महसूस होने नहीं देते!”
*********
सोचों तो सिलवटों से भरी है तमाम रूह |
देखो तो शिकन भी नहीं है लिबास में |
********
मुझको हँसते हुए इस दुनिया से रुखसत कीजे
कोई रोता है भला जब कोई घर जाता है
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मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू!!
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मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर बोलते हैं,
रहते हैं कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते है.
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“इश्क़ ऐसा करो कि धड़कन मे बस जाए,
सांस भी लो तो खुश्बू उसी की आए,
प्यार का नशा आँखो पे ऐसा छाए,
बात कोई भी हो,पर नाम उसी का आए.”
********
कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी…
बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते…
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ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी.
*******
वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है …
खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी ..
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चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये…
अब मजा देने लगी हैं जिदगी की मुश्किलें…!!!
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“हम तो बस लिख देते हैं जहन में आ जाता है
जो,
जुड़ जाता है आपके दिल से तो बस इत्तेफाक
समझिये…!”
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ज़रा देख दरवाज़े पर दस्तक किसने दी है
अगर हो इश्क तो कहना, यहाँ दिल नहीं रहता..
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“मतलबी लडकी से अच्छी तो मेरी सिगरेट हे
यारो..
जो मेरे होठ से अपनी जिंदगी शुरू करती हे ओर
मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड देती हे…!”
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दौलत की भूक ऐसी के घर से निकल गए
दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए।
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फुल हो तुम मुरझाना नहीं, साथ छोड़ के कभी दूर जाना नहीं…
जब तक हम जिन्दा है ऐ दोस्त कभी किसी से
घबराना नही…
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बेक़सूर ज़िंदगी इल्ज़ामों से घिरी रही
कसूरवार हँसता रहा मुझ पर ताउम्र …..
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शुबह होती नही शामढलती नही
नज़ाने क्या खूबी है आप मे के
आप को यादकिए बिना खुशी मिलती नही
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मंज़िलों से गुमराह भी ,कर देते हैं कुछ लोग ।।
हर किसी से ,रास्ता पूछना ,अच्छा नहीं होता ।।।
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“हर एक शख्स ने अपने अपने तरीके से इस्तेमाल किया हमें..
और हम समझते रहे लोग हमें पसंद करते हैं !!”
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“कम से कम दो चार लोगों से रिश्ते बनाये रखिये, क्युंकि
कब्र तक लाश को दौलत नहीं ले जाया करती ।”
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रानी के बगेर बादशाह की सब चाल अधूरी होती है, लेकिन मेरी ज़िन्दगी ताश के एक्के की तरह है, ना तो रानी के आने से फरक पड़ता है या जाने से …
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एक सच्चा दिल सब के पास होता हैं
फिर क्यों नहीं सब पे विश्वास होता हैं
इंसान चाहे कितना भी आम हो
वो किसी न किसी के लिए जरुर खास होता हैं.
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क्यूँ न हो मेरी नज़रों को शिकायत रात से.
सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है….
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जो कोई समझ ना सके वो बात है हम.
जो ढलके नयी सुबह लाये वो रात है हम.
छोड देते है लोग रीश्ते बनाकर.
जो कभी छोडके ना जाये वो साथ है हम.
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ये बद्दुआयें अपने पास ही रखो साहब,
मुझे मुहब्बत है, खुद ही मर जाऊँगा !!,
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खतरा है इस दौर में, बुजदिलों से दिलेर को,
धोखे से काट लेते हैं ”कुत्ते” भी ”शेर” को..
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आज़ाद परिंदा बनने का मज़ा ह कुछ और है,
अपने शर्तो पे ज़िन्दगी जीने का नशा ही कुछ और हैं. .
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तमन्नाओ की महफ़िल….. तो हर कोई सजाता है,,
पूरी उसकी होती है…… जो तकदीर लेकर आता है..!!
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बर्बाद वो अपने इश्क में मुझे कर के बोले ____
“तुम वो नहीं जिसकी मुझे तलाश थी”
********
जिधर देखो, उधर मिल जायेंगे, अखबार नफरत के
बहुत दिन से, मोहब्बत का न देखा, एक खत यारो !!
*********
अब हमें भी नहीं रखना शौक तेरी मुहब्बत का,
जो रुला सकता है वो भूला भी सकता है….
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हर नए ज़ख़्म पे यूँ ही नहीं मुस्कुरा देते ..
याद आता है मुझे जान से प्यारा कोई!!!!!
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आग लगी थी मेरे घर मे,
बचा ही क्या है ?
मैँने कहा-“मैँ बच गया हूँ ”
वो बोली-“तो फिर जला ही क्या है”?
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लौट आती है ये जा जा के
नये जिस्म में क्यों,
आखिर इस रूह का
इस दुनिया से रिश्ता क्या है….
********
जो तेरी आंखो से बयान होते हैं,
वो लफ़्ज़ किताबों मे कहाँ मिलते हैं…
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“यूँ ही जिंदगी की कशमकश में थोड़ा उलझ गये हैं यारों,
वरना हम तो दुश्मनों को भी अकेला महसूस होने नहीं देते!”
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सोचों तो सिलवटों से भरी है तमाम रूह |
देखो तो शिकन भी नहीं है लिबास में |
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मुझको हँसते हुए इस दुनिया से रुखसत कीजे
कोई रोता है भला जब कोई घर जाता है
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