Mix Shayri collection 15 / मिक्स शायरी संग्रह 15
ज़ुल्म इतना ना कर के लोग कहे तुझे दुश्मन मेरा…!!
हमने ज़माने को तुझे अपनी “ जान ” बता रक्खा है…!!
********
“वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है दोस्तो,
कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं.”
********
ए दिल ,चल एक सौदा करते हैं ,
मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ ,
तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे …!!
********
सब कुछ झूठ है लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है…
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है
********
घुटन क्या चीज़ है, ये पूछिये उस बच्चे से
“जो काम करता हैं ,इक खिलोने की दुकान पर “”
********
जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं, क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं,
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं.
********
कदम डग मगा गये युही रास्ते से वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
********
तुझे मुफ़्त में जो मिल गये हम,
तू क़दर ना करें ये तेरा हक़ बनता है…
*******
खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब…..
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो…
मांगती तो…….. खून ही हे…….
*******
यूँ गलत भी नहीं होती चेहरों की तासीर लेकिन
लोग वैसे भी नहीं होते, जैसे नज़र आते है…..!!!!!!!!!!!!
********
मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं…….
********
बहुत जुदा है औरोँे से े मेरे दर्द की कहानीँ,
जख्म का कोई निशाँ नहीँ और दर्द की कोई इँतहा नहीँ।
*******
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों…
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके ..
********
अजीज़ तो हम भी सब के थे,
फ़राज़
मगर सिर्फ उनके मतलब निकल जाने तक……..
********
क्यूँ लफ्ज़ ढूंढते हो मेरी ख़ामोशी में तुम
मेरी आखों मैं देखो , तुम्हे कई फसाने मिलेंगे.
********
ऐसा लगता है, हर इम्तिहाँ के लिए,
किसी ने जिन्दगी को हमारा पता दे दिया है……
********
राजा का बेटा भलेह ही नन्गा पैदा हुवा हो।।
पर होता तो वो राजकुमार ही है।।।।
********
शायरी मे सिमटते कहाँ हैँ दिल के दर्द दोस्तों
बहला रहे हैँ खुद को जरा कागजो के साथ
*******
किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता ..
*******
कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है.
और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..!!
*******
अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!
*******
आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..
*******
चलो आज फिर मिटटी से खेलते है दोस्तों,
हमारी उम्र ही क्या थी जो दिलो से खेल बैठे.
*******
जानता हूँ दुनिया की हर एक रीत लेकिन,
अनजान बने रहना ही यहाँ बेहतर विकल्प है
*******
ए नसीब ज़रा एक बात तो बता…
तू सबको आज़माता है या मुझसे ही दुश्मनी है!
*******
बस यूँ ही लिखता हूँ, वजह क्या होगी,
राहत ज़रा सी, आदत ज़रा सी…
******
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर;
वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।
******
विपरीत परस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं ,
तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ते है
******
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर..
हाल हमारा वही है, जो तुमने बना रखा है..
******
हर रात को तुम इतना
याद आते हो के हम भूल गए हैं,
के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादों के लिए|
*******
तरस जाओगे हमारे मुँहसे सुननेको एक लव्ज़
प्यारकी बात क्या, हम शिकायत भी ना करेंगे…
******
“दूर हो जाने की तलब है तो शौक से जा…
बस याद रहे की मुड़ कर देखने की आदत इधर भी नहीँ…
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क्या हुआ.. जो मेरे लब तेरे लब से लग गए
माफ़ ना करो ना सही… बदला तो ले लो…
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मुहमाँगा दाम दूंगा यारों मुझे एक ऐसे काबिल सपेरे से मिला दो
के जो के आस्तीन में छुपे साँपों को बाहर निकाल सके…..
******
आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..
******
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
*******
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है…
एक नया दर्द ही…
पुराने दर्द की दवाई है…!!
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“ना वोह आ सके ना हम कभी जा सके,
ना दर्द दिल का किसी को सुना सके.
बस बैठे है यादों में उनकी,
ना उन्होंने याद किया और ना हम उनको भुला सके.”
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“मुझे कुछ अफ़सोस नहीं के मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था ।
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था ।!!!!!
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न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर
देखना अच्छा लगता है …!!!
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“साकी को गिला है की उसकी बिकती नहीं शराब..
और एक तेरी आँखें है की होश में आने नहीं देती.. .!”
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ये दबदबा,ये हुकुमत,ये नशा, ये दौलतें………
सब किरायदार है, घर बदलते रहते हैं…….
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क्या हुवा जो एक दिल टुटा…..
इससे मोहंबत का अंजाम तो सिखा…
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महोबत में मैंने किया कुंछ नहीं… बस लुटा दिया..,
उसके पसंद थी रोशनी..मैंने ख़ुद को जला दिया..!!!!
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हमने ज़माने को तुझे अपनी “ जान ” बता रक्खा है…!!
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“वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है दोस्तो,
कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं.”
********
ए दिल ,चल एक सौदा करते हैं ,
मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ ,
तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे …!!
********
सब कुछ झूठ है लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है…
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है
********
घुटन क्या चीज़ है, ये पूछिये उस बच्चे से
“जो काम करता हैं ,इक खिलोने की दुकान पर “”
********
जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं, क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं,
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं.
********
कदम डग मगा गये युही रास्ते से वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
********
तुझे मुफ़्त में जो मिल गये हम,
तू क़दर ना करें ये तेरा हक़ बनता है…
*******
खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब…..
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो…
मांगती तो…….. खून ही हे…….
*******
यूँ गलत भी नहीं होती चेहरों की तासीर लेकिन
लोग वैसे भी नहीं होते, जैसे नज़र आते है…..!!!!!!!!!!!!
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मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं…….
********
बहुत जुदा है औरोँे से े मेरे दर्द की कहानीँ,
जख्म का कोई निशाँ नहीँ और दर्द की कोई इँतहा नहीँ।
*******
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों…
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके ..
********
अजीज़ तो हम भी सब के थे,
फ़राज़
मगर सिर्फ उनके मतलब निकल जाने तक……..
********
क्यूँ लफ्ज़ ढूंढते हो मेरी ख़ामोशी में तुम
मेरी आखों मैं देखो , तुम्हे कई फसाने मिलेंगे.
********
ऐसा लगता है, हर इम्तिहाँ के लिए,
किसी ने जिन्दगी को हमारा पता दे दिया है……
********
राजा का बेटा भलेह ही नन्गा पैदा हुवा हो।।
पर होता तो वो राजकुमार ही है।।।।
********
शायरी मे सिमटते कहाँ हैँ दिल के दर्द दोस्तों
बहला रहे हैँ खुद को जरा कागजो के साथ
*******
किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता ..
*******
कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है.
और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..!!
*******
अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!
*******
आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..
*******
चलो आज फिर मिटटी से खेलते है दोस्तों,
हमारी उम्र ही क्या थी जो दिलो से खेल बैठे.
*******
जानता हूँ दुनिया की हर एक रीत लेकिन,
अनजान बने रहना ही यहाँ बेहतर विकल्प है
*******
ए नसीब ज़रा एक बात तो बता…
तू सबको आज़माता है या मुझसे ही दुश्मनी है!
*******
बस यूँ ही लिखता हूँ, वजह क्या होगी,
राहत ज़रा सी, आदत ज़रा सी…
******
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर;
वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।
******
विपरीत परस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं ,
तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ते है
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क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर..
हाल हमारा वही है, जो तुमने बना रखा है..
******
हर रात को तुम इतना
याद आते हो के हम भूल गए हैं,
के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादों के लिए|
*******
तरस जाओगे हमारे मुँहसे सुननेको एक लव्ज़
प्यारकी बात क्या, हम शिकायत भी ना करेंगे…
******
“दूर हो जाने की तलब है तो शौक से जा…
बस याद रहे की मुड़ कर देखने की आदत इधर भी नहीँ…
******
क्या हुआ.. जो मेरे लब तेरे लब से लग गए
माफ़ ना करो ना सही… बदला तो ले लो…
******
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों मुझे एक ऐसे काबिल सपेरे से मिला दो
के जो के आस्तीन में छुपे साँपों को बाहर निकाल सके…..
******
आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..
******
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
*******
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है…
एक नया दर्द ही…
पुराने दर्द की दवाई है…!!
*******
“ना वोह आ सके ना हम कभी जा सके,
ना दर्द दिल का किसी को सुना सके.
बस बैठे है यादों में उनकी,
ना उन्होंने याद किया और ना हम उनको भुला सके.”
*******
“मुझे कुछ अफ़सोस नहीं के मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था ।
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था ।!!!!!
*******
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर
देखना अच्छा लगता है …!!!
******
“साकी को गिला है की उसकी बिकती नहीं शराब..
और एक तेरी आँखें है की होश में आने नहीं देती.. .!”
*******
ये दबदबा,ये हुकुमत,ये नशा, ये दौलतें………
सब किरायदार है, घर बदलते रहते हैं…….
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क्या हुवा जो एक दिल टुटा…..
इससे मोहंबत का अंजाम तो सिखा…
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महोबत में मैंने किया कुंछ नहीं… बस लुटा दिया..,
उसके पसंद थी रोशनी..मैंने ख़ुद को जला दिया..!!!!
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