Mix Shayri collection 29 / मिक्स शायरी संग्रह 29
फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़
फिरएकज़रा सीबातपरजीनापड़ामुझे।
******
तू बिन बताये मुझे ले चल कहीं…..
जहाँ तू मुस्कुराये मेरी मंजिल वहीं…!!
********
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है ..
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है…
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम ………….
और एक वो है ….जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है………………
********
सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी
आशुंओ की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे
जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी…
********
प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता,
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता,
इस फुल को कभी टूटने मत देना,
क्योकि तुटा हुआँ फुल वापीस नहीँ खिलता.
********
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा;
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..
********
रिश्तेदारी भी टेलीफोन है आज
सिक्का डालो तो बात होती है…
********
मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछो..,
उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और तराशा जाये..
*******
“क्या खूब होता जो यादें भी रेत होतीं,
मुट्ठीसे गिरा देते पाँवों से उड़ा देते”
********
एक तुम भी ना कितनी जल्दी सो जाते हो…
लगता है इश्क को तुम्हारा पता देना पड़ेगा!!!
********
ना पीछे मुड़ के तुम देखो. ना आवाज़ दो मुझ को….
बड़ी मुश्किल से सीखा है …तुमको अलविदा कहना..
********
नींद भी मोहब्बत बन गयी है,
बेवफा रात भर नहीं आती ..
********
कितना अच्छा होता .. अगर हर दिन की समाप्ति पर… जिंदगी पूछती……
Save changes??
“Yes/No
********
फिरएकज़रा सीबातपरजीनापड़ामुझे।
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तू बिन बताये मुझे ले चल कहीं…..
जहाँ तू मुस्कुराये मेरी मंजिल वहीं…!!
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हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है ..
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है…
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम ………….
और एक वो है ….जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है………………
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सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी
आशुंओ की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे
जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी…
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प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता,
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता,
इस फुल को कभी टूटने मत देना,
क्योकि तुटा हुआँ फुल वापीस नहीँ खिलता.
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मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा;
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..
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रिश्तेदारी भी टेलीफोन है आज
सिक्का डालो तो बात होती है…
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मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछो..,
उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और तराशा जाये..
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“क्या खूब होता जो यादें भी रेत होतीं,
मुट्ठीसे गिरा देते पाँवों से उड़ा देते”
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एक तुम भी ना कितनी जल्दी सो जाते हो…
लगता है इश्क को तुम्हारा पता देना पड़ेगा!!!
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ना पीछे मुड़ के तुम देखो. ना आवाज़ दो मुझ को….
बड़ी मुश्किल से सीखा है …तुमको अलविदा कहना..
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नींद भी मोहब्बत बन गयी है,
बेवफा रात भर नहीं आती ..
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कितना अच्छा होता .. अगर हर दिन की समाप्ति पर… जिंदगी पूछती……
Save changes??
“Yes/No
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