Mix Shayri collection 35 / मिक्स शायरी संग्रह 35
“हम अपने पर गुरुर नहीं करते,
याद करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करते.
मगर जब एक बार किसी को दोस्त बना ले,
तो उससे अपने दिल से दूर नहीं करते.”
*******
काश फिर मिलने की वजह मिल जाए,
साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए…
********
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं ..
सिखाया जो सबक ज़िंदगी ने ..
*******
इस शहर के लोगों में वफ़ा ढूँढ रहे हो ,
तुम जहर कि शीशी में दवा ढूँढ रहे हो..!!
*******
“सोचा था घर बनाकर बेठुंगा सुकून से,
पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला..!!”
********
मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो…
दिल बैचैन हैं बहुत, कहीं तुम उदास तो नहीं…
********
चलने की कोशिश तो करो, दिशाए बहोत है,
रस्तो पे बिखरे काटो से ना डरो,
तुम्हारे साथ दूवाए बहोत है |
********
वहाँ तक तो साथ चलो ,जहाँ तक साथ मुमकिन है ,
जहाँ हालात बदल जाएँ , वहाँ तुम भी बदल जाना ….
********
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं……!!
********
काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते…!!
********
तेरे एक-एक लफ्ज़ को हज़ार मतलब पहनाये हमने…
चैन से सोने ना दिया तेरी अधूरी बातों ने…
********
ना बादशाह हूँ मै दिलों का,
ना शायर हूँ मै लफ़्ज़ों का ..
.. बस जुबां साथ देती है,
मै बातें दिल से करता हूँ !!
********
तुम आसमां की बुलंदी से जल्द लौट आना…
मुझे जमीन की हकीकत पे बात करनी है …!!
********
दिल में मोहब्बत, काले धन की तरह
छुपा रक्खी है…
खुलासा नहीं करते,
कि कहीं हंगामा न मच जाये…
********
मैं कैसे उस शख्स को रुला सकता हूँ…
जिसे शख्स को मैंने खुद रो-रो कर मांगा हो…
********
ऐ ज़िन्दगी मुझे कुछ , मुस्कुराहटें उधार दे दे…
‘अपने’ आ रहे हैं मिलने की रस्म निभानी है…
********
तमाम उम्र इसी बात का गुरुर रहा मुझे …
किसी ने मुझसे कहा था की हम तुम्हारे है !!
********
जब जेब में रुपये हो तो दुनिया आपकी औकात देखती है,
और जब जेब में रुपये न हो तो दुनिया अपनी औकात दिखाती है….
********
हालात के साथ वों बदलते हे जो कमज़ोर होते हें,
हम तो हालात को ही बदल के रख देते हैं ….
********
ये तेरे याद के बादल जो बसते हे इन आँखों में काजल की तरह….
यूँ बेवजह बरसजाना…………. तो इनकी आदत ना थी….!!!
********
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता हैं,ना किताबें बोल पाती हैं,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे,दोनों ही बेजुबां निकले…
********
तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता.
********
बहुत भीड़ हो गई तेरे दिल में
“जालिम”…
अच्छा हुआ हम वक्त पर निकल
गए….
*******
अभी इतनी जल्दी क्या है मुझे छोड़ने की,
मेरी साँसें अभी बाकी हैं, और कोशिश करलो तोड़ने की…!!!
*******
“इश्क के सहारे जिया नहीं करते,
गम के प्यालों को पिया नहीं करते,
कुछ नवाब दोस्त हैं हमारे,
जिनको परेशान न करो तो वो याद ही किया नहीं करते.”
*******
अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है !
********
“देर रत जब किसी की याद सताए,
ठंडी हवा जब जुल्फों को सहलाये.
कर लो आंखे बंद और सो जाओ क्या पता,
जिसका है ख्याल वो खवाबों में आ जाये.”
********
अभी तो धुप निकलने के बाद सोया है,
सारी रात तुजे याद कर कर के रोया है.
********
अब कोई खास फर्क नही पडता ख्वाहिशे अघुरी रेहने पर…..!!
क्युं की हमने बहुत करीब से देखा हे अपने अजीझ सपनों को तुटते हुऐ…..!!
********
गिरे बुज़ुर्ग को उठाने भरे बाजार में कोई नहीं आया,
गोरी का रुमाल क्या गिरा पूरा बाजार दौड़ आया…
********
होता अगर मुमकिन तुझे साँस बना कर रखते सीने में….!
तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊ तो तू नही….!!
********
तक़दीर का ही खेल है सब,
पर ख़्वाहिशें है की समझती ही नहीं…..
*******
यूँ तो हम अपने आप में गुम थे,
सच तो ये है की वहाँ भी तुम थे..!
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आदत हो गयी है तेरे करीब रहने की……
तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र मिलता है कही….!!!?
********
लोग समझते हैं के मैं तुम्हारे हुस्न पर मरता हूँ..
अगर तुम भी यही समझते हो तो सुनो..
जब हुस्न खो दो तब लौट आना…
********
सारे गमों को पैरों से ठुकरा देते हैं,
हम उदास हों तो बस मुस्कुरा देते हैं.
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मुझसे मां से दो पल की जुदाई सही नहीं जाती हॆ…
पता नहीं बेटीयां ये हुनर कहां से लाती हॆं…!!!
********
अजीब कहानी है इश्क और मोहब्बत की,
उसे पाया ही नहीं फिर भी खोने से
डरता हूँ…
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बहुत याद आते हो ……..”तुम”
दुआ करो मेरी याददाश्त चली जाये…!!!!
********
तुम्ही ने छुआ होगा….
हवा यूँ बेवजह कभी नहीं महकी..
*******
क़्या लूटेगा जमाना खुशीयो को हमारी,
हम तो अपनि खुशिया
दूसरो पर लूटा के जिते है!.
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पतंग सी हैं जिंदगी, कहाँ तक
जाएगी…..!!
रात हो या उम्र, एक ना एक दिन कट
ही जाएगी….!!
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उस घडी मेरा इश्क हदें भूल जाता है,
जब लडते लडते वो कहती हैं: “लेकिन प्यार मैं ज्यादा करती हू तुमसे” !!!
********
हमे सिंगल रेहने का शौक नही,
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही..!!
********
रिश्ते अगर बढ़ जाये हद से तो ग़म मिलते है…
इसलिए आजकल हम हर शख्स से कम मिलते है…
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महफ़िलों की शान न समझना मुझे;
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये…..
*********
बहुत जी चुके उनके लिये जो मेरे लिये सब कुछ थे…
अब जीना है उनके लिये जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ…
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सँभाले तो हूँ ख़ुद को तुझ बिन मगर
जो छू ले कोई तो बिखर जाऊँ मैं…
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तुम मुझे अब याद नहीं आते…
तुम मुझे याद हो गये हो अब…
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मेरे यार मुख्तसर सी बात है ,
मुझे तुम से बेइंतिहा प्यार है ….
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ज़िंदगी की उम्र कुछ कम हो रही थी
वो साँसे दे गयी फिर से मेरे दर्द को !!!
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ख़्वाबों को तो अक्सर हकीकत की ज़मीन पर ही रक्खा है,
ये बदबख्त अरमान चले गए आसमानों की दहलीज़ परे !!
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शीशे में डूब कर पीते रहे उस ‘जाम’ को…
कोशिशें तो बहुत की मगर, भुला न पाए एक ‘नाम’ को !!
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हर तन्हा रात में इंतज़ार है उस शख़्स का.. जो कभी कहा करता था तुमसे बात न करूँ तो रात भर नींद नहीं अाती…
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इक ठहरा हुआ खयाल तेरा,
कितने लम्हों को रफ़्तार देता है..
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बचपन में पिताजी के बटुए में हमेशा मेरी जरूरतों से ज्यादा पैसे रहते थे…
ये कारनामा मैं कभी अपने बटुए से नहीं दिखा पाया ।।
*********
पिता जी ने इतना पैसा खर्च करके पढना-लिखना सिखाया,
पर ऑफिस की बिल्डिंग में एंट्री अंगूठा टेक कर ही मिलती है..
********
लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देखुं।
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं।।
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बेचैनी जब भी बढ़ती है धुंए में उड़ा देता हूँ ,
और लोग कहते हैं मैं सिगरेट बहुत पीता हूँ… !
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वो जो तुमने एक दवा बतलाई थी ग़म के लिए,
ग़म तो ज्यूं का त्यूं रहा बस हम शराबी हो गये….
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तुम सामने आये तो, अजब तमाशा हुआ..
हर शिकायत ने जैसे, खुदकुशी कर ली..!!
********
“पहुँच गए हैं, कई राज मेरे गैरों के पास,
कर लिया था मशवरा,
इक रोज़ अपनों के साथ…!!”
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सुलग रहे है कब से मेरे, दिल में ये अरमान,
रोक ले अपनी बहो में तू, आज मेरे तूफ़ान |
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जब जब में लेता हूँ साँस तू याद आती है,
मेरी हर एक साँस मे तेरी खुश्बू बस जाती है,
कैसे कहूँ तेरे बिना में ज़िंदा हूँ,
क्यूंकी हर साँस से पहले तेरी खुश्बु आती है…
********
दिया है ठोकरों ने सम्हलने का हौसला
हर हादसा ख़याल को गहराई दे गया…
********
अक्सर पूछते है लोग, किसके लिए लिखते हो …??
अक्सर कहता है दिल…..”काश कोई होता”…!!
********
अपने गमो की तू नुमाइश न कर,
यूँ क़ुदरत से लड़ने की कोशिश न कर,
जो हे कुदरत ने लिखा वो होकर रहेगा,
तू उसे बदलने की आजमाइश न कर ।।
********
जिस दिन आपने अपनी जिन्दगी को खुलकर जी लिया,
वही दिन आपका है, बाकि तो सिर्फ केलेंडर की तारीखें हैं।
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जो दिलो में शिकवे और जुबान पर शिकायते कम रखते है,
वो लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं…
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ए मेरे दिल ,
कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर ,
सिर्फ तुम और मैं ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में …….
********
कभी तुम मुझे अपना तो कभी गैर करते गये,
देख मेरी नादानी हम सिर्फ तुम्हे अपना कहते गये…!!
********
लोग पूछते है ये शायरी कैसे बनी ?
मैं कहता हूँ- कुछ आँसू कागज़ पर गिरे और छप गए…
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उसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती हैं,उसकी आँखें हमें दुनिया भुला देती हैं,आएगी आज भी वो सपने मैं यारो,बस यही उम्मीद हमें रोज़ सुला देती हैं..
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याद करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करते.
मगर जब एक बार किसी को दोस्त बना ले,
तो उससे अपने दिल से दूर नहीं करते.”
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काश फिर मिलने की वजह मिल जाए,
साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए…
********
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं ..
सिखाया जो सबक ज़िंदगी ने ..
*******
इस शहर के लोगों में वफ़ा ढूँढ रहे हो ,
तुम जहर कि शीशी में दवा ढूँढ रहे हो..!!
*******
“सोचा था घर बनाकर बेठुंगा सुकून से,
पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला..!!”
********
मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो…
दिल बैचैन हैं बहुत, कहीं तुम उदास तो नहीं…
********
चलने की कोशिश तो करो, दिशाए बहोत है,
रस्तो पे बिखरे काटो से ना डरो,
तुम्हारे साथ दूवाए बहोत है |
********
वहाँ तक तो साथ चलो ,जहाँ तक साथ मुमकिन है ,
जहाँ हालात बदल जाएँ , वहाँ तुम भी बदल जाना ….
********
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं……!!
********
काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते…!!
********
तेरे एक-एक लफ्ज़ को हज़ार मतलब पहनाये हमने…
चैन से सोने ना दिया तेरी अधूरी बातों ने…
********
ना बादशाह हूँ मै दिलों का,
ना शायर हूँ मै लफ़्ज़ों का ..
.. बस जुबां साथ देती है,
मै बातें दिल से करता हूँ !!
********
तुम आसमां की बुलंदी से जल्द लौट आना…
मुझे जमीन की हकीकत पे बात करनी है …!!
********
दिल में मोहब्बत, काले धन की तरह
छुपा रक्खी है…
खुलासा नहीं करते,
कि कहीं हंगामा न मच जाये…
********
मैं कैसे उस शख्स को रुला सकता हूँ…
जिसे शख्स को मैंने खुद रो-रो कर मांगा हो…
********
ऐ ज़िन्दगी मुझे कुछ , मुस्कुराहटें उधार दे दे…
‘अपने’ आ रहे हैं मिलने की रस्म निभानी है…
********
तमाम उम्र इसी बात का गुरुर रहा मुझे …
किसी ने मुझसे कहा था की हम तुम्हारे है !!
********
जब जेब में रुपये हो तो दुनिया आपकी औकात देखती है,
और जब जेब में रुपये न हो तो दुनिया अपनी औकात दिखाती है….
********
हालात के साथ वों बदलते हे जो कमज़ोर होते हें,
हम तो हालात को ही बदल के रख देते हैं ….
********
ये तेरे याद के बादल जो बसते हे इन आँखों में काजल की तरह….
यूँ बेवजह बरसजाना…………. तो इनकी आदत ना थी….!!!
********
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता हैं,ना किताबें बोल पाती हैं,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे,दोनों ही बेजुबां निकले…
********
तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता.
********
बहुत भीड़ हो गई तेरे दिल में
“जालिम”…
अच्छा हुआ हम वक्त पर निकल
गए….
*******
अभी इतनी जल्दी क्या है मुझे छोड़ने की,
मेरी साँसें अभी बाकी हैं, और कोशिश करलो तोड़ने की…!!!
*******
“इश्क के सहारे जिया नहीं करते,
गम के प्यालों को पिया नहीं करते,
कुछ नवाब दोस्त हैं हमारे,
जिनको परेशान न करो तो वो याद ही किया नहीं करते.”
*******
अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है !
********
“देर रत जब किसी की याद सताए,
ठंडी हवा जब जुल्फों को सहलाये.
कर लो आंखे बंद और सो जाओ क्या पता,
जिसका है ख्याल वो खवाबों में आ जाये.”
********
अभी तो धुप निकलने के बाद सोया है,
सारी रात तुजे याद कर कर के रोया है.
********
अब कोई खास फर्क नही पडता ख्वाहिशे अघुरी रेहने पर…..!!
क्युं की हमने बहुत करीब से देखा हे अपने अजीझ सपनों को तुटते हुऐ…..!!
********
गिरे बुज़ुर्ग को उठाने भरे बाजार में कोई नहीं आया,
गोरी का रुमाल क्या गिरा पूरा बाजार दौड़ आया…
********
होता अगर मुमकिन तुझे साँस बना कर रखते सीने में….!
तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊ तो तू नही….!!
********
तक़दीर का ही खेल है सब,
पर ख़्वाहिशें है की समझती ही नहीं…..
*******
यूँ तो हम अपने आप में गुम थे,
सच तो ये है की वहाँ भी तुम थे..!
*******
आदत हो गयी है तेरे करीब रहने की……
तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र मिलता है कही….!!!?
********
लोग समझते हैं के मैं तुम्हारे हुस्न पर मरता हूँ..
अगर तुम भी यही समझते हो तो सुनो..
जब हुस्न खो दो तब लौट आना…
********
सारे गमों को पैरों से ठुकरा देते हैं,
हम उदास हों तो बस मुस्कुरा देते हैं.
********
मुझसे मां से दो पल की जुदाई सही नहीं जाती हॆ…
पता नहीं बेटीयां ये हुनर कहां से लाती हॆं…!!!
********
अजीब कहानी है इश्क और मोहब्बत की,
उसे पाया ही नहीं फिर भी खोने से
डरता हूँ…
*******
बहुत याद आते हो ……..”तुम”
दुआ करो मेरी याददाश्त चली जाये…!!!!
********
तुम्ही ने छुआ होगा….
हवा यूँ बेवजह कभी नहीं महकी..
*******
क़्या लूटेगा जमाना खुशीयो को हमारी,
हम तो अपनि खुशिया
दूसरो पर लूटा के जिते है!.
*******
पतंग सी हैं जिंदगी, कहाँ तक
जाएगी…..!!
रात हो या उम्र, एक ना एक दिन कट
ही जाएगी….!!
********
उस घडी मेरा इश्क हदें भूल जाता है,
जब लडते लडते वो कहती हैं: “लेकिन प्यार मैं ज्यादा करती हू तुमसे” !!!
********
हमे सिंगल रेहने का शौक नही,
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही..!!
********
रिश्ते अगर बढ़ जाये हद से तो ग़म मिलते है…
इसलिए आजकल हम हर शख्स से कम मिलते है…
********
महफ़िलों की शान न समझना मुझे;
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये…..
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बहुत जी चुके उनके लिये जो मेरे लिये सब कुछ थे…
अब जीना है उनके लिये जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ…
********
सँभाले तो हूँ ख़ुद को तुझ बिन मगर
जो छू ले कोई तो बिखर जाऊँ मैं…
********
तुम मुझे अब याद नहीं आते…
तुम मुझे याद हो गये हो अब…
*******
मेरे यार मुख्तसर सी बात है ,
मुझे तुम से बेइंतिहा प्यार है ….
*******
ज़िंदगी की उम्र कुछ कम हो रही थी
वो साँसे दे गयी फिर से मेरे दर्द को !!!
********
ख़्वाबों को तो अक्सर हकीकत की ज़मीन पर ही रक्खा है,
ये बदबख्त अरमान चले गए आसमानों की दहलीज़ परे !!
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शीशे में डूब कर पीते रहे उस ‘जाम’ को…
कोशिशें तो बहुत की मगर, भुला न पाए एक ‘नाम’ को !!
********
हर तन्हा रात में इंतज़ार है उस शख़्स का.. जो कभी कहा करता था तुमसे बात न करूँ तो रात भर नींद नहीं अाती…
********
इक ठहरा हुआ खयाल तेरा,
कितने लम्हों को रफ़्तार देता है..
********
बचपन में पिताजी के बटुए में हमेशा मेरी जरूरतों से ज्यादा पैसे रहते थे…
ये कारनामा मैं कभी अपने बटुए से नहीं दिखा पाया ।।
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पिता जी ने इतना पैसा खर्च करके पढना-लिखना सिखाया,
पर ऑफिस की बिल्डिंग में एंट्री अंगूठा टेक कर ही मिलती है..
********
लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देखुं।
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं।।
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बेचैनी जब भी बढ़ती है धुंए में उड़ा देता हूँ ,
और लोग कहते हैं मैं सिगरेट बहुत पीता हूँ… !
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वो जो तुमने एक दवा बतलाई थी ग़म के लिए,
ग़म तो ज्यूं का त्यूं रहा बस हम शराबी हो गये….
********
तुम सामने आये तो, अजब तमाशा हुआ..
हर शिकायत ने जैसे, खुदकुशी कर ली..!!
********
“पहुँच गए हैं, कई राज मेरे गैरों के पास,
कर लिया था मशवरा,
इक रोज़ अपनों के साथ…!!”
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सुलग रहे है कब से मेरे, दिल में ये अरमान,
रोक ले अपनी बहो में तू, आज मेरे तूफ़ान |
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जब जब में लेता हूँ साँस तू याद आती है,
मेरी हर एक साँस मे तेरी खुश्बू बस जाती है,
कैसे कहूँ तेरे बिना में ज़िंदा हूँ,
क्यूंकी हर साँस से पहले तेरी खुश्बु आती है…
********
दिया है ठोकरों ने सम्हलने का हौसला
हर हादसा ख़याल को गहराई दे गया…
********
अक्सर पूछते है लोग, किसके लिए लिखते हो …??
अक्सर कहता है दिल…..”काश कोई होता”…!!
********
अपने गमो की तू नुमाइश न कर,
यूँ क़ुदरत से लड़ने की कोशिश न कर,
जो हे कुदरत ने लिखा वो होकर रहेगा,
तू उसे बदलने की आजमाइश न कर ।।
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जिस दिन आपने अपनी जिन्दगी को खुलकर जी लिया,
वही दिन आपका है, बाकि तो सिर्फ केलेंडर की तारीखें हैं।
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जो दिलो में शिकवे और जुबान पर शिकायते कम रखते है,
वो लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं…
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ए मेरे दिल ,
कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर ,
सिर्फ तुम और मैं ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में …….
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कभी तुम मुझे अपना तो कभी गैर करते गये,
देख मेरी नादानी हम सिर्फ तुम्हे अपना कहते गये…!!
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लोग पूछते है ये शायरी कैसे बनी ?
मैं कहता हूँ- कुछ आँसू कागज़ पर गिरे और छप गए…
********
उसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती हैं,उसकी आँखें हमें दुनिया भुला देती हैं,आएगी आज भी वो सपने मैं यारो,बस यही उम्मीद हमें रोज़ सुला देती हैं..
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