Mix Shayri collection 9 / मिक्स शायरी संग्रह 9
न करना वक्त से तुम बदतमीजी…
कि वो अक्सर पलटकर बोलता है !!
*********
कोई नाराज हैँ हमसे हम कुछ लिखते नहीँ,
कहां से लाएं लफ्ज जब वो हमसे मिलते नहीँ …
********
दर्द की जुबां होती तो बता देते,
वो जख्म कैसे बताएं जो दिखते नहीँ …!
*********
चेहरे की हंसी से ग़म को भुला दो,
कम बोलो पर सब कुछ बता दो.
खुद ना रुठों पर सब को हँसा दो,
यही राज है ज़िंदगी का,
कि जियो और जीना सिखा दो…..
***********
हम तो बेजान चीजो से भी वफा करते है..
तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है !!
************
अब के गुलशन मे अजब तब्दीलियाँ आने लगी,
तितलियाँ काग़ज़ के फूलों पे भी मंडराने लगी….!!!???
**********
बस एक चेहरे ने तनहा कर दिया हमे वरना!
हम खुद में एक महफ़िल हुआ करते थे.
*********
तुझसे मोहब्बत तो तेरी औकात से ज्यादा ही की थी………….
अब बात नफ़रत की है, तो…. तु सोच तेरा क्या होगा………???
**********
“हँस कर कुबूल क्या कर ली हर सजा हमने,
दस्तूर बना लिया दुनिया ने भी इल्जाम लगाने का”
********
किसने कहा, मेरे दिल में मेहमान बन के आया कर ऐ-दोस्त,
ये तेरी सल्तनत है, जब भी आए, सुलतान बन के आया कर…
*******
तेरी दोस्ती को, मेरे तजुर्बे की जरुरत हैं
कहीं दुश्मनों से…मोहब्बत ना कर बैठो….
*******
अगर बेवफाओ की अलग बस्ती होती साहब….
मेरी महबूबा ही वहां की मल्लिका होती….
*******
पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है..!!
********
ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
महोब्बत का गम दिल पे उठाऐ हुऐ हैं,
खिलौना समझ कर हम से ना खेलो,
हम भी उसी खुदा के बनाऐ हुऐ हैं..
*******
मुहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है ..
******
“आप आँखों से दूर दिल के करीब थे,
हम आपके और आप हमारे नसीब थे,
न हम मिल सके, न जुदा हुवे……,
रिश्ते हम दोनों के कितने अजीब थे.”
*******
जिंदगी बस इतना अगर दे तो काफी है …
सर से चादर न हटे , पांव भी चादर में रहे …
******
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफ़िला ज़िन्दगी का……..
सुकून ढूँढने चले थे,नींद ही गँवा बैठे।।
******
किसी को खुश करने का मौका मिले तो खुदगर्ज ना बन जाना ऐ दोस्त,
बड़े नसीब वाले होते है वो, जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर…..
******
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी,
डगमगाना भी जरूरी है संभलने के लिए।
******
किसी को चोट पहुँचाकर माफी माँगना बहुत आसान है
लेकिन
खुद चोट खाकर किसी को माफ करना बहुत मुश्किल है
*******
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..
******
अजीब फितरत है उस समंदर की
जो टकराने के लिए पत्थर ढुंढता है..
******
जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नही होता,
हर रोने वाला तो गमगीन नही होता
एक ही दिल को कोई कब तक तोड़ता रहेगा
अब कोई जोड़ता भी है तो यकीन नही होता !!!
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तेरे होने पर खुद को तनहा समझू !
मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू!!
*******
“भले थे तो किसी ने हाल त़क नहींपूछा,,,,
बुरे बनते ही देखा हर तरफ अपने ही चरचे हैं !!!!!
*******
बस…कंठ ही हमारा नीला नही है …..
वरना ..जहर तो हमने भी कम नही पिया………..
*******
अपनी जुबान से ऐसे मीठे सब्द बोलो
की वापस भी लेने पड़े तो खुद को कड़वे न लगे…!!
*******
“मिलके बिछड़ना दस्तूर है जिंदगी का,
एक यही किस्स मशहूर है जिंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का।”
*******
आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से,
आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा.
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हमको ख़ुशी मिल भी गई तो कहा रखेगे हम !
आँखों में हसरतें है तो दिल में किसी का गम !
******
अपना ग़म लेके कही और न जाया जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
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अपने अहंकार को काबु मे करना सीख लो
जीतना जल्दी सीखजाओगे उतना आगे बढपाओगे ॥
*******
ऑंख से ऑंख मिलाता है कोई,
दिल को खिंच लिये जाता है कोई,
बहुत हैरत है के भरी मेहफील में,
मुझ को तनहा नज़र आता है कोई।
*******
ग़म ने क्या खूब याद रखा है मेरे दिल का पता
बस ये खुशियाँ ही तो आवारा निकली…..!!!!
*******
अब अपने ज़ख़्म दिखाऊँ किसे और किसे नहीं …!
बेगाने समझते नहीं और अपनोको दिखते नहीं…..,!!
*******
कल भी जी रहा था तेरे लीये।।
अज भी जी रहा हु सिर्फ तेरे लीये।।
फरक सिर्फ इतना है .. कल तक प्यार करने के
लीये जी रहा था अब बदला लेने के लीये जी रहा हु।।
*******
“ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है
ये कैसा मोड है जिन्दगी का
जो लोग खास है उन्की की कमी हैं ”
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कि वो अक्सर पलटकर बोलता है !!
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कोई नाराज हैँ हमसे हम कुछ लिखते नहीँ,
कहां से लाएं लफ्ज जब वो हमसे मिलते नहीँ …
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दर्द की जुबां होती तो बता देते,
वो जख्म कैसे बताएं जो दिखते नहीँ …!
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चेहरे की हंसी से ग़म को भुला दो,
कम बोलो पर सब कुछ बता दो.
खुद ना रुठों पर सब को हँसा दो,
यही राज है ज़िंदगी का,
कि जियो और जीना सिखा दो…..
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हम तो बेजान चीजो से भी वफा करते है..
तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है !!
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अब के गुलशन मे अजब तब्दीलियाँ आने लगी,
तितलियाँ काग़ज़ के फूलों पे भी मंडराने लगी….!!!???
**********
बस एक चेहरे ने तनहा कर दिया हमे वरना!
हम खुद में एक महफ़िल हुआ करते थे.
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तुझसे मोहब्बत तो तेरी औकात से ज्यादा ही की थी………….
अब बात नफ़रत की है, तो…. तु सोच तेरा क्या होगा………???
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“हँस कर कुबूल क्या कर ली हर सजा हमने,
दस्तूर बना लिया दुनिया ने भी इल्जाम लगाने का”
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किसने कहा, मेरे दिल में मेहमान बन के आया कर ऐ-दोस्त,
ये तेरी सल्तनत है, जब भी आए, सुलतान बन के आया कर…
*******
तेरी दोस्ती को, मेरे तजुर्बे की जरुरत हैं
कहीं दुश्मनों से…मोहब्बत ना कर बैठो….
*******
अगर बेवफाओ की अलग बस्ती होती साहब….
मेरी महबूबा ही वहां की मल्लिका होती….
*******
पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है..!!
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ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
महोब्बत का गम दिल पे उठाऐ हुऐ हैं,
खिलौना समझ कर हम से ना खेलो,
हम भी उसी खुदा के बनाऐ हुऐ हैं..
*******
मुहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है ..
******
“आप आँखों से दूर दिल के करीब थे,
हम आपके और आप हमारे नसीब थे,
न हम मिल सके, न जुदा हुवे……,
रिश्ते हम दोनों के कितने अजीब थे.”
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जिंदगी बस इतना अगर दे तो काफी है …
सर से चादर न हटे , पांव भी चादर में रहे …
******
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफ़िला ज़िन्दगी का……..
सुकून ढूँढने चले थे,नींद ही गँवा बैठे।।
******
किसी को खुश करने का मौका मिले तो खुदगर्ज ना बन जाना ऐ दोस्त,
बड़े नसीब वाले होते है वो, जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर…..
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पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी,
डगमगाना भी जरूरी है संभलने के लिए।
******
किसी को चोट पहुँचाकर माफी माँगना बहुत आसान है
लेकिन
खुद चोट खाकर किसी को माफ करना बहुत मुश्किल है
*******
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..
******
अजीब फितरत है उस समंदर की
जो टकराने के लिए पत्थर ढुंढता है..
******
जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नही होता,
हर रोने वाला तो गमगीन नही होता
एक ही दिल को कोई कब तक तोड़ता रहेगा
अब कोई जोड़ता भी है तो यकीन नही होता !!!
*******
तेरे होने पर खुद को तनहा समझू !
मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू!!
*******
“भले थे तो किसी ने हाल त़क नहींपूछा,,,,
बुरे बनते ही देखा हर तरफ अपने ही चरचे हैं !!!!!
*******
बस…कंठ ही हमारा नीला नही है …..
वरना ..जहर तो हमने भी कम नही पिया………..
*******
अपनी जुबान से ऐसे मीठे सब्द बोलो
की वापस भी लेने पड़े तो खुद को कड़वे न लगे…!!
*******
“मिलके बिछड़ना दस्तूर है जिंदगी का,
एक यही किस्स मशहूर है जिंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का।”
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आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से,
आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा.
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हमको ख़ुशी मिल भी गई तो कहा रखेगे हम !
आँखों में हसरतें है तो दिल में किसी का गम !
******
अपना ग़म लेके कही और न जाया जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
******
अपने अहंकार को काबु मे करना सीख लो
जीतना जल्दी सीखजाओगे उतना आगे बढपाओगे ॥
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ऑंख से ऑंख मिलाता है कोई,
दिल को खिंच लिये जाता है कोई,
बहुत हैरत है के भरी मेहफील में,
मुझ को तनहा नज़र आता है कोई।
*******
ग़म ने क्या खूब याद रखा है मेरे दिल का पता
बस ये खुशियाँ ही तो आवारा निकली…..!!!!
*******
अब अपने ज़ख़्म दिखाऊँ किसे और किसे नहीं …!
बेगाने समझते नहीं और अपनोको दिखते नहीं…..,!!
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कल भी जी रहा था तेरे लीये।।
अज भी जी रहा हु सिर्फ तेरे लीये।।
फरक सिर्फ इतना है .. कल तक प्यार करने के
लीये जी रहा था अब बदला लेने के लीये जी रहा हु।।
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“ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है
ये कैसा मोड है जिन्दगी का
जो लोग खास है उन्की की कमी हैं ”
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