मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

दोस्तों, हर रात के बाद सुबह होती है।
जिन्दगी हँसाती भी है रुलाती भी है,जो हर हाल में आगे बढने की चाह रखते हैं
जिन्दगी उसी के आगे सर झुकाती है। हम जो भी कार्य करना चाहते हैं उसकी
शुरुआत करें, आने वाली बाधाओं को सोच कर बैठ न जाएं। कई लोग सफल तो होना
चाहते हैं किन्तु थोङी सी असफलता से परेशान हो जाते हैं और कहने लगते हैं
कि हम तो ये नही कर सकते या ये मुझसे ये नही हो सकता। भाई, ऐसा कौन सा काम
है जो इंसान नही कर सकता। हम ये क्यों नही सोचते कि हम ये काम कर सकते हैं
और आज नही तो कल अपना लक्ष्य जरूर हासिल कर लेंगे|
यदि हम बीच में रुक गए तो हमेशा मन में
अफसोस रहेगा कि काश हमने कोशिश की होती । अधूरे छूटे कार्य हमें हमेशा
कमजोर होने का एहसास दिलाते हैं। जो लोग ईमानदारी से सोचते हैं वे बाधाओं
से उबरने के तरीके तलाशते हैं। वे भले ही असफल हो जाएं पर सफल होने की चाह
उनको नए तरीकों से आगे बढने की प्रेरणा देती है। विझान के क्षेत्र में थॉमस अल्वा एडिसन
एक ऐसा नाम है जिन्हें न केवल एक आविष्कारक के रूप में बल्कि एक उद्यमी के
रूप में भी जाना जाता है। उनके नाम एक हजार से भी ज्यादा पेटेंट है।
प्रकाश बल्ब का आविष्कार करके घर-घर रौशनी पहुँचाने वाले एडिसन कई बार अपने
कार्य में असफल हुए। बल्ब बनाने के अपने प्रयास में 10,000 से भी अधिक
बार असफल होने पर उनका कहना था कि मैं असफल नहीं हुआ बल्कि मैंने 10,000
ऐसे तरीके खोज लिये जो काम नही करते। ऐसी सकरात्मक सोच की वजह से ही वह
इतने महान वैज्ञानिक बने और हज़ारों आविष्कार कर सके|
मित्रों, हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और फिर उसमें जुट जाना चाहिए |कहते हैं- “लहरों के डर से नौका पार नही होती, कोशिश करने वालों की हार नही होती।“ इस
मूलमंत्र को हम अपने जीवन में उतार लें तो हर समस्या का समाधान संभव है।
मजबूत इच्छा हर उपलब्धि का शुरूआती बिन्दु होती है। जिस तरह आग की छोटी
लपटें अधिक गर्मी नही दे सकती वैसे ही कमज़ोर इच्छा बङे नतीजे नही दे सकती।
अंततः: मैं यही कहना चाहूंगी:
“हर दिन अपनी जिन्दगी को एक नया ख्वाब दो, चाहे पूरा ना हो पर आवाज तो दो।
एक दिन पूरे हो जायेंगे सारे ख्वाब तुम्हारे , सिर्फ एक शुरुआत तो दो ।”