aarzoo Shayari mix collection आरज़ू पर शायरी संग्रह
************************
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की……!!
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं.
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पंछियों को….
याद वही आते है जो उड़ जाते है…!!
***
ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू ।
हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही ।।
***
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम; न तमन्ना है
कि किसी को रुलाएं हम; जिसको जितना याद करते
हैं; उसे भी उतना याद आयें हम!
कि किसी को रुलाएं हम; जिसको जितना याद करते
हैं; उसे भी उतना याद आयें हम!
***
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
***
अब तुझसे शिकायत करना, मेरे हक मे नहीं,
क्योंकि तू आरजू मेरी थी,पर अमानत शायद किसी और की !!
क्योंकि तू आरजू मेरी थी,पर अमानत शायद किसी और की !!
***
आरजू थी की तेरी बाँहो मे, दम निकले,
लेकिन बेवफा तुम नही,बदनसीब हम निकले.
*** Aarzoo Hindi Shayari – आरज़ू हिंदी शायरी
तेरे इश्क का कितना हसीन एहसास है,
लगता है जैसे तु हर पल मेरे पास है,
मोहब्बत तेरी दिवानगी बन चुकी है मेरी,
और अब जिन्दगी की आरजू बस तुम्हारे साथ है ।।
लगता है जैसे तु हर पल मेरे पास है,
मोहब्बत तेरी दिवानगी बन चुकी है मेरी,
और अब जिन्दगी की आरजू बस तुम्हारे साथ है ।।
***
साँस रूक जाये भला ही तेरा इन्तज़ार करते-करते ……..
तेरे दीदार की आरज़ू हरगिज कम ना होगी ……..
तेरे दीदार की आरज़ू हरगिज कम ना होगी ……..
***
उमरे दराज लाये थे, मांग के चार दिन।
दो आरजू में कट गए, दो इन्तेजार में।।
दो आरजू में कट गए, दो इन्तेजार में।।
***
काश की मुझे मुहब्बत ना होती
काश की मुझे तेरी आरज़ू ना होती
जी लेते यू ही ज़िंदगी को हम तेरे बिन
काश की ये तड़प हमे ना होती
काश की मुझे तेरी आरज़ू ना होती
जी लेते यू ही ज़िंदगी को हम तेरे बिन
काश की ये तड़प हमे ना होती
***
आरज़ू सी दिल में अक्सर छुपाये फिरता हूँ,
♡♡♡♡
प्यार करता हूँ तुझसे पर कहने से डरता हूँ,
♡♡♡♡
कही नाराज़ न हो जाओ मेरी गुस्ताखी से तुम,
♡♡♡♡
इसलिए खामोश रहके भी तेरी धडकनों को सुना करता हूँ .
♡♡♡♡
प्यार करता हूँ तुझसे पर कहने से डरता हूँ,
♡♡♡♡
कही नाराज़ न हो जाओ मेरी गुस्ताखी से तुम,
♡♡♡♡
इसलिए खामोश रहके भी तेरी धडकनों को सुना करता हूँ .
***
ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो….
आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें………………
***
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना..
जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मेक्या मांगना
***
सर से लगा के पाँव तलक दिल हुआ हूँ मैं
याँ तक तो फ़न-ए-इश्क़ में कामिल हुआ हूँ मैं
याँ तक तो फ़न-ए-इश्क़ में कामिल हुआ हूँ मैं
***
उलझी सी ज़िन्दगी को सवारने की आरजू में बैठे हैं
कोई अपना दिख जाए शायद उसे पुकारने को बैठे है
कोई अपना दिख जाए शायद उसे पुकारने को बैठे है
***
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!
***
“सितारों की महफ़िल ने करके इशारा ,
कहा अब तो सारा जहाँ है तुम्हारा ,
मुहब्बत जवाँ हो, खुला आसमाँ हो ,
करे कोई दिल आरजू और क्या…!
कहा अब तो सारा जहाँ है तुम्हारा ,
मुहब्बत जवाँ हो, खुला आसमाँ हो ,
करे कोई दिल आरजू और क्या…!
*** Aarzoo Hindi Shayari – आरज़ू हिंदी शायरी
जरूरी नहीं ये बिल्कुल कि तू
मेरी हर बात को समझे…..
मेरी हर बात को समझे…..
आरजू बस इतनी है कि तू मुझे कुछ तो समझे…!!!!
***
एक आरज़ू सी दिल में अक्सर छुपाये फिरता
हूँ,
प्यार करता हूँ तुझसे पर कहने से डरता हूँ,
कही नाराज़ न हो जाओ मेरी
गुस्ताखी से तुम,
इसलिए खामोश रहके भी तेरी
धडकनों को सुना करता हूँ …!
हूँ,
प्यार करता हूँ तुझसे पर कहने से डरता हूँ,
कही नाराज़ न हो जाओ मेरी
गुस्ताखी से तुम,
इसलिए खामोश रहके भी तेरी
धडकनों को सुना करता हूँ …!
*** Aarzoo Hindi Shayari
ज़िन्दगी की आखरी आरजू बस यही हैं। तू सलामत रहें दुआँ बस यही हैं।
***
कुछ आग आरज़ू की ,उम्मीद का धुआँ कुछ
हाँ राख ही तो ठहरा , अंजाम जिंदगी का
हाँ राख ही तो ठहरा , अंजाम जिंदगी का
***
आँखो की चमक पलकों की शान हो तुम..
चेहरे की हँसी लबों की मुस्कान हो तुम…..!!
धड़कता है दिल बस तुम्हारी आरज़ू मे…
फिर कैसे ना कहूँ मेरी जान हो तुम..!!
चेहरे की हँसी लबों की मुस्कान हो तुम…..!!
धड़कता है दिल बस तुम्हारी आरज़ू मे…
फिर कैसे ना कहूँ मेरी जान हो तुम..!!
*** Aarzoo Hindi Shayari – आरज़ू हिंदी शायरी
मुददत से थी किसी से मिलने की आरज़ू खुवाइश ए दिदार में सब कुछ भुला दिया ,,,
किसी ने दी खबर वो आएंगे रात को इतना किया उजाला अपना घर तक जला दिया
***
किसको ख्वाहिश है ख्वाब बनके पलकों पे सजने की ,…हम तो आरजू बनके तेरे दिल में बसना चाहते हैं ..
*** Aarzoo Hindi Shayari
मेरे जीने की ये आरजू तेरे आने की दुआ करे
कुछ इस तरह से दर्द भी तेरे सीने में हुआ
करे।
करे।
***
तेरे सीने से लगकर तेरी आरज़ू बन जाऊं,
तेरी साँसों से मिलकर तेरी खुशबु बन जाऊं,
तेरी साँसों से मिलकर तेरी खुशबु बन जाऊं,
***
ना खुशी की तलाश है ना गम-ए-निजात की आरज़ू..
मै ख़ुद से ही नाराज हूँ तेरी नाराजगी के बाद..
मै ख़ुद से ही नाराज हूँ तेरी नाराजगी के बाद..
***
हर जज्बात को जुबान नहीं मिलती..
हर आरजू को दुआ नहीं मिलती..
मुस्कान बनाये रखो तो साथ है दुनिया..
वर्ना आंसुओ को तो आंखो मे भी पनाह नहीं मिलती…
हर आरजू को दुआ नहीं मिलती..
मुस्कान बनाये रखो तो साथ है दुनिया..
वर्ना आंसुओ को तो आंखो मे भी पनाह नहीं मिलती…
*** Aarzoo Hindi Shayari – आरज़ू हिंदी शायरी
आज ..खुद को तुझमे डुबोने की आरज़ू है।
क़यामत तक सिर्फ तेरा होने की आरज़ू है।
किसने कहा गले से लगा ले मुझको, मग़र
तेरी गोद में सर रखकर सोने की आरज़ू है।
क़यामत तक सिर्फ तेरा होने की आरज़ू है।
किसने कहा गले से लगा ले मुझको, मग़र
तेरी गोद में सर रखकर सोने की आरज़ू है।
***
ख़त लिखूं तो क्या लिखूं
आरजू मदहोश है
ख़त पे गिर रहे हैं आंसू
और कलम खामोश है
आरजू मदहोश है
ख़त पे गिर रहे हैं आंसू
और कलम खामोश है
***
न किसी के दिल की हूँ आरज़ू
न किसी नज़र की हूँ जुस्तजू
मैं वो फूल हूँ जो उदास हो
न बहार आए तो क्या करूँ
न किसी नज़र की हूँ जुस्तजू
मैं वो फूल हूँ जो उदास हो
न बहार आए तो क्या करूँ
***
तेरी जुस्तजू तेरी आरज़ू, मेरे दिल में दिलनशीं तू ही तू
तेरा ही ख़याल है रात-दिन, मेरी सोच में मकीं तू ही तू
तेरा ही ख़याल है रात-दिन, मेरी सोच में मकीं तू ही तू
*** Aarzoo Hindi Shayari
तमन्ना है मेरी कि आपकी आरज़ू बन जाऊं
आपकी आँख का तारा ना सही आपकी आँख का आंसू बन जाऊं
आपकी आँख का तारा ना सही आपकी आँख का आंसू बन जाऊं
***
कभी कभी सोचता हूँ आखिर यहाँ कौन जीत गया ….
मेरी आरज़ू उसकी ज़िद या फिर मोहब्बत
मेरी आरज़ू उसकी ज़िद या फिर मोहब्बत
***
काश की मुझे मोहोब्बत ना होती काश की मुझे तेरी आरज़ू ना होती जी लेते यू ही ज़िंदगी को हम तेरे बिन काश की ये तड़प हमे ना होती.
***
साक़ी मुझे भी चाहिए …. इक जाम-ए-आरज़ू ….
कितने लगेंगे दाम …. ज़रा आँख तो मिला…!!
***
“जीने की आरज़ू है,
तो जी चट्टानों की तरह…
वरना पत्तों की तरह,
तुझको हवा ले जायेगी”……
तो जी चट्टानों की तरह…
वरना पत्तों की तरह,
तुझको हवा ले जायेगी”……
*** Aarzoo Hindi Shayari – आरज़ू हिंदी शायरी
थाम लेना हाथ मेरा कभी पीछे जो छूट जाऊँ
मना लेना मुझे जो कभी तुमसे रूठ जाऊँ
मना लेना मुझे जो कभी तुमसे रूठ जाऊँ
मैं पागल ही सही मगर मैं वो हूँ
जो तेरी हर आरजू के लिये टूट जाऊँ ll
जो तेरी हर आरजू के लिये टूट जाऊँ ll
***
ना जी भर के देखा न कुछ बात की़………….
!!
!!
बङी आरजु थी मुलाकात की………..!!!!!!!!!!!!!!!
!!
!!
बङी आरजु थी मुलाकात की………..!!!!!!!!!!!!!!!
***
Aarzoo Hindi Shayari
आरज़ू‘ तेरी बरक़रार रहे ………….
दिल का क्या है रहे, रहे न रहे….
दिल का क्या है रहे, रहे न रहे….
***
खोई हुई आँखो में सपना सज़ा लिया।।
आरज़ू में आपकी चाहत को बसा लिया।।
धड़कन भी ना रही ज़रूरी हमारे लिए।।
जब से दिल में हमने आपको बसा लिया।।
आरज़ू में आपकी चाहत को बसा लिया।।
धड़कन भी ना रही ज़रूरी हमारे लिए।।
जब से दिल में हमने आपको बसा लिया।।
***
एक पत्थर की आरजू करके ,
खुदको ज़ख्मी बना लिया मैंने….
खुदको ज़ख्मी बना लिया मैंने….
***
आरज़ू ये नहीं कि ग़म का तूफ़ान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है कि कहीं आपका दिल न बदल जाये.
कभी मुझको अगर भुलाना चाहो तो,
दर्द इतना देना कि मेरा दम ही निकल जाये…!
फ़िक्र तो ये है कि कहीं आपका दिल न बदल जाये.
कभी मुझको अगर भुलाना चाहो तो,
दर्द इतना देना कि मेरा दम ही निकल जाये…!
***
ये हवा, ये रात ये चाँदनी
तेरी एक अदा पे निसार हैं
मुझे क्यों ना हो तेरी आरजू
तेरी जुस्तजू में बहार है
तेरी एक अदा पे निसार हैं
मुझे क्यों ना हो तेरी आरजू
तेरी जुस्तजू में बहार है
***
तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी !
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी !!
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने !
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी….!!
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी !!
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने !
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी….!!
***
ज़रा शिद्दत से चाहो तभी होगी आरज़ू पूरी, हम वो नहीं जो तुम्हे खैरात में मिल जायेंगे
***
Aarzoo Hindi Shayari
जीने के आरजू में मरे जा रहे है लोग,
मरने के आरजू में जिया जा रहा हु मै…
मरने के आरजू में जिया जा रहा हु मै…
*** Aarzoo Hindi Shayari – आरज़ू हिंदी शायरी
“मै समेटती हूँ
ख्वाब तेरे….
तेरी आरजू….
तेरा ही गम….
तेरी ही तमन्ना….
यादें तेरी……
बहुत मशरूफ है ज़िन्दगी मेरी” !!
ख्वाब तेरे….
तेरी आरजू….
तेरा ही गम….
तेरी ही तमन्ना….
यादें तेरी……
बहुत मशरूफ है ज़िन्दगी मेरी” !!
***
” हर बार उसी से … गुफ़्तगू….
सौ बार उसी की … आरज़ू ;
.
वो पास नहीं होता .. तो भी ..
रहता है मेरे …….. रूबरू..
सौ बार उसी की … आरज़ू ;
.
वो पास नहीं होता .. तो भी ..
रहता है मेरे …….. रूबरू..
***
हे आरजू की एक रात तुम आओ ख्वाबोँ मेँ,
बस दुआ हे उस रात की कभी सुबह न हो !!
बस दुआ हे उस रात की कभी सुबह न हो !!
***
तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी…
देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…
देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…
***
दस्तक सुनी – तो जाग उठा- दर्दे—–आरज़ू,
अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा
अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा
***
जब से हमने मोहब्बत को जाना है ……
एक तेरी ही आरज़ू की थी पाने की….
पर हालात ही कुछ ऐसे बने….
ना तुम कुछ समझे ना कुछ हम समझे ।
एक तेरी ही आरज़ू की थी पाने की….
पर हालात ही कुछ ऐसे बने….
ना तुम कुछ समझे ना कुछ हम समझे ।
***
आरज़ू ये है कि उनकी हर नज़र देखा करें
वो ही अपने सामने हों, हम जिधर देखा करें
इक तरफ हो सारी दुनिया, इक तरफ सूरत तेरी
हम तुझे दुनिया से होकर बेखबर देखा करें
वो ही अपने सामने हों, हम जिधर देखा करें
इक तरफ हो सारी दुनिया, इक तरफ सूरत तेरी
हम तुझे दुनिया से होकर बेखबर देखा करें
***
!!.**.न तख्तो ओ ताज की आरजू
,,,,,,, न बज्म शाह की जुस्तजू………….
,,,,,,,,,,जो नजर दिल को बदल सके……,
,मुझे उस निगाह की तलाश है!
,,,,,,, न बज्म शाह की जुस्तजू………….
,,,,,,,,,,जो नजर दिल को बदल सके……,
,मुझे उस निगाह की तलाश है!
*** Aarzoo Hindi Shayari – आरज़ू हिंदी शायरी
दिल का दर्द पलकों में क़ैद है,
एहसास तुम्हारा हवाओं में क़ैद है,
तुमको भुलाये भी तो कैसे,
तुमको पाने कि आरज़ू ख्वाबों में भी क़ैद है..
एहसास तुम्हारा हवाओं में क़ैद है,
तुमको भुलाये भी तो कैसे,
तुमको पाने कि आरज़ू ख्वाबों में भी क़ैद है..
***