BEKARARI Shayari mix collection बेक़रारी पर शायरी संग्रह
इश्क़ करने से पहले~~आ बैठ , फैसला कर लें ~
सुकूँ किसके हिस्से होगा ~~ बेक़रारी किसके हिस्से
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फिर कुछ इस दिल् को बेक़रारी है
सीना ज़ोया-ए-ज़ख़्म-ए-कारी है
फिर जिगर खोदने लगा नाख़ून
आमद-ए-फ़स्ल-ए-लालाकारी है. Mirza Ghalib
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बेक़रारी का पूछते हो सबब……… ………..
सिर्फ आपका इंतज़ार है साहिब !!
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ले गया छीन के कौन आज तेरा सब्रो-करार;
बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी।
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शब-भर नींद में भी अब ‘नींद’ कहाँ आती है,
फ़िराक-ए-यार में हर ख़्वाब निकल जाती है!
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बेक़रारी बढ़ते बढ़ते दिल की फ़ितरत बन गई
शायद अब तस्कीन का पहलु नज़र आने लगे
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रात भर बेक़रारी की सबब बनी जो सनसनाहट
वो सिर्फ हवा के झोंके थे यादों के आँगन में।
*** Bekarari Hindi Shayari
कब दिल को सुकून और बेक़रारी एक साथ होगी?
कब बहुत कुछ कहना चाहना और कुछ भी न कह पाना होगा ?
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हमें भी नींद आ जाएगी, हम भी सो ही जाऐंगे,
अभी कुछ बेक़रारी है, सितारों तुम तो सो जाओ !!
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आलम ए बेक़रारी बता रहे हो ,
जाने क्या बात हुई कभी मोहब्बत तो कभी ख़ुशी लुटा रहे हो !!
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ले गया छीन के कौन आज तेरा सब्रो-करार;
बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी।
*** Bekarari Hindi Shayari
जुम्बिश लबों की तेरी दस्तक थी दिल पे मेरे,
उफ़्फ़ बेक़रारी-ए-दिल, था इंतज़ार एक हाँ का..!
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“बेक़रारी सी बेक़रारी है,वस्ल है और फ़िराक़ तारी है !
जो गुज़ारी न जा सकी हम से, हम ने वो ज़िन्दगी गुज़ारी है !
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आँख मे अश्क़, सांस भारी है जाने क्यो इतनी बेक़रारी है।
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अगर इश्क़ करो तो अदब_ए_वफ़ा भी सीख लो,
ये चाँद लम्हों की बेक़रारी मोहब्बत नहीं होती ॥
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बेक़रारी दिले-बीमार की अल्ला-अल्ला।
फ़र्शेगुल पर भी न आना था, न आराम आया॥
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आलम तो ये न था कि दूरियाँ इतनी बढ़ जाये,
पर बेक़रारी ने तो हद कर दी ।
*** Bekarari Hindi Shayari
फिक्र-ऐ-बेक़रारी में, यूँ कागज़ सुर्ख होते रहे,
कलम चलती रही और मसाइल हलाक होते चले गए |
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दर्द से मेरे है तुझको बेक़रारी हाए हाए
क्या हुआ ज़ालिम तेरी ग़फ़लतशिआरी हाए हाए
Mirza Ghalib SAD Shayari
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बेक़रारी मेरी देख ली है तो अब ज़ब्त भी देखना,
इतना खामोश रहूँगा मैं के चीख उठेगा तू…
*** Bekarari Hindi Sad Shayari
बेक़रारी है कभी, पूरे समन्दर की तरह,
और कभी मिल जाता है बस, एक क़तरे में सुकून.
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सभी को दुख था समंदर की बेक़रारी का
किसी ने मुड़ के नदी की तरफ नहीं देखा
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जो सब से जुदा है वो अंदाज़ हो तुम, छुपा था जो दिल मे वोही राज़ हो तुम.. तुम्हारी नजाकत बनी जब से चाहत सुकून बन गयी है हर एक बेक़रारी
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बेक़रारी सी बेक़रारी है ,वस्ल है और फ़िराक़ तारीं है, जो गुज़ारी न जा सकी हमसे,हमनें वो ज़िन्दगी गुज़ारी है.
*** Bekarari Hindi Sad Shayari
म उनका “इंतेज़ार” बेक़रारी से करते रहे, वो ‘फ़रेब’ का इख़्तियार बेकद्री से करते रहे।
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दिल की मेरी बेक़रारी मुझ से कुछ पूछो नहीं शब की
मेरी आह-ओ-ज़ारी मुझ से कुछ पूछो नहीं
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ले गया लूट के कौन आज तेरा सब्र-ओ-क़रार
बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी न थी
उनकी आखो ने ख़ुदा जाने किया क्य जादू
तबीयत मेरी माइल कभी ऐसी न थी
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चला गया जो; खुशबू भी साथ अपने ले जाता
बेचैन दिल की बेक़रारी को थोड़ा क़रार आ जाता
*** Bekarari Hindi Shayari
इस इंतज़ार की घडी को, पल-पल की बेक़रारी को लफ़्ज़ो मे बयां कैसे कर दूँ; मखमली एहसाँसो को, रेशमी जज़्बातों को अल्फ़ाज़ो मे बयां कैसे कर दूँ।
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कैफ़ियत ये बेक़रारी की है अब हमको अज़ीज़ ये ख़ुमारी टूट जाए तो बिखर जाएँगे हम
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बडी मुश्किल से दिल की बेक़रारी को क़रार आया
मुझे जिस ज़ालिम ने तड़पाया उसी पे मुझको प्यार आया
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जैसे शाम ठिठकी हो बुझने से पहले रात आग़ाज़ को झुकी जाती हो।
तुम उधर इंतज़ार में, मैं इधर बेक़रारी में
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इश्क़ में चैन कहूँ, या आलम बेक़रारी का, तसव्वुर मरने नहीं देता, तन्हा जी नहीं सकते
*** Bekarari Hindi Sad Shayari
उम्र भर बस यही इक उदासी रही आपके दीद को आँख प्यासी रही आपके बाद जाने के बस दो यही बेक़रारी रही, बदहवासी रही..
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हर एक शख़्स है अपने वुजूद से बाहर हर एक शख़्स के चेहरे पे बेक़रारी है
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ना इंतज़ार ना उलझन ना बेक़रारी है
ना पूछ आज तेरी याद कितनी प्यारी है
ना पूछ आज तेरी याद कितनी प्यारी है
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अजब सी बेकरारी है;
दिन भी भारी था, रात भी भारी है;
अगर मेरा दिल तोड़ना है तो शौंक से तोड़िए;
क्योंकि चीज़ ये हमारी नहीं तुम्हारी है।
दिन भी भारी था, रात भी भारी है;
अगर मेरा दिल तोड़ना है तो शौंक से तोड़िए;
क्योंकि चीज़ ये हमारी नहीं तुम्हारी है।
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बेकरारी इश्क की है जाते जाते जाएगी,
सब्र आएगा तो ऐ दिल आते आते आएगा..
सब्र आएगा तो ऐ दिल आते आते आएगा..
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तेरी तस्वीर खुद मे ही बेक़रारी का साज़ो सामाँ है
ख़ुमारियाँ कहती हैं, इम्तहाँ है, इंतहाँ है, ख्वाबों की दास्ताँ है
ख़ुमारियाँ कहती हैं, इम्तहाँ है, इंतहाँ है, ख्वाबों की दास्ताँ है
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सोचा था उनसे दूर रहकर शाद रहेँगे
बेक़रारी- सी -बेक़रारी है औ’ नाशाद हैँ हम
बेक़रारी- सी -बेक़रारी है औ’ नाशाद हैँ हम
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वही शाम की परछाइयाँ
दिल पे गम की रानाइयाँ
तकते …बेकरारी से राहें
मुझे घेरे हैं….तन्हाइयाँ !
दिल पे गम की रानाइयाँ
तकते …बेकरारी से राहें
मुझे घेरे हैं….तन्हाइयाँ !
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इश्क मै तो हर चीज मिट जाती है …..
बेकरारी बनके तडपाती है
याद याद याद बस याद रह जाती है
बेकरारी बनके तडपाती है
याद याद याद बस याद रह जाती है
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मुद्दत के बाद मुलाकात का असर था , या उसके गुज़रे इश्क़ की खुमारी थी !!
दिल-ए-बरबाद को चैन भी उसके साथ था , उसी के साथ ही बेकरारी थी !!
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वो पूछते है हाल मेरा इस बेकरारी से
की फिर मेरा ठीक होना भी मुझे अच्छा नही लगता
की फिर मेरा ठीक होना भी मुझे अच्छा नही लगता
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ये बेकरारी की मोहब्बत पर
कुछ यू कमाल हो जाए,।।
मेरे
मेरी बेकरारी से उसकी
बेकरारी का करार हो जाए।।
कुछ यू कमाल हो जाए,।।
मेरे
मेरी बेकरारी से उसकी
बेकरारी का करार हो जाए।।
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शरारत न होती शिकायत न होती ,
नैनों में किसी के नजाकत न होती ।
न होती बेकरारी न होते हम तनहा ,
अगर जहाँ में कमबख्त ये मोहब्बत न होती ।
नैनों में किसी के नजाकत न होती ।
न होती बेकरारी न होते हम तनहा ,
अगर जहाँ में कमबख्त ये मोहब्बत न होती ।
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जो हो सके तो कोई टूटा हुआ वादा ही रख दे आंखो में मेरी
के आज बढ गयी है बेकरारी हद से कहीं ज्यादा मेरी…
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आँखें ये सुर्ख़ न सोने से नहीं। मीठे ख़्वाबों की ये ख़ुमारी है।। कल तलक थी उधर ये बेचैनी। हाँ, इधर आज बेक़रारी है।।
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निगाहों मैं बसी उनकी ही सूरत फिर भी उनका इन्तजार है
तुझ से मिलने को ये दिल क्यों इतना बेकरार है।
तुझ से मिलने को ये दिल क्यों इतना बेकरार है।
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काश आपकी सूरत इतनी प्यारी ना होती;
काश आपसे मुलाक़ात हमारी ना होती
सपनो में ही देख लेते हम आपको
तो आज मिलने की इतनी बेकरारी ना होती
काश आपसे मुलाक़ात हमारी ना होती
सपनो में ही देख लेते हम आपको
तो आज मिलने की इतनी बेकरारी ना होती
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