Biggest Mix Shayri collection Page 50 / चुनिन्दा मिक्स शायरी बृहद संग्रह पेज 50
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो।
जिन के आंगन में अमीरी का शजर लगता है,
उन का हर एब भी जमानें को हुनर लगता है।
तजुर्बा कहता है मोहब्बत से किनारा कर लूँ…
और दिल कहता हैं की ये तज़ुर्बा दोबारा कर लू|
ये झूठ है… के मुहब्बत किसी का दिल तोड़ती है ,
लोग खुद ही टुट जाते है, मुहब्बत करते-करत|
ऊँची इमारतों से मकां मेरा घिर गया,
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए।
गर तेरी नज़र क़त्ल करने मे माहिर है तो सुन..
हम भी मर मर के जीने मे उस्ताद हो गए है|
दिल मेरा भी कम खूबसूरत तो न था,
मगर मरने वाले हर बार सूरत पे ही मरे !!
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर,
‘ईश्वर’ बैठा है, तू हिसाब ना कर।
ऐ दिल थोड़ी सी हिम्मत कर ना यार,
चल दोनों मिल कर उसे भूल जाते है।
मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं यह उसकी दुआ थी,
और उसकी हर दुआ पूरी हो, यह मेरी दुआ थी।
तुझे मुफ्त में जो मिल गए हम,
तु कदर ना करे ये तेरा हक़ बनता है।
रोना ही है ज़िन्दगी तो हँसाया क्यो..
जाना था दूर तो नज़दीक़ आया ही कयो..
जाना था दूर तो नज़दीक़ आया ही कयो..
रोने से और इश्क़ मे बे-बाक हो गए..
धोए गए हम इतने कि बस पाक हो गए।
कुछ लोग जमाने में ऐसे भी तो होते हैं..
महफिल में तो हंसते हैं तन्हाई में रोते हैं !!
तूने मेरा आज देख के मुझे ठुकराया है…
हमने तो तेरा गुजरा कल देख के भी मोहब्बत की थी|
एहसान जताना जाने कैसे सीख लिया..
मोहब्बत जताते तो कुछ और बात थी।
कितने मज़बूर है हम तकदीर के हाथो..
ना तुम्हे पाने की औकात रखतेँ हैँ, और ना तुम्हे खोने का हौसला.!!
पहले ज़मीं बाँटी फिर घर भी बँट गया..
इनसान अपने आप मे कितना सिमट गया|
रूकता भी नहीं ठीक से चलता भी नही..
यह दिल है के तेरे बाद सँभलता ही नही|
सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे,
लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे.
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया..
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया|
पता नही कब जाएगी तेरी लापरवाही की आदत…
पगली कुछ तो सम्भाल कर रखती, मुझे भी खो दिया|
पगली कुछ तो सम्भाल कर रखती, मुझे भी खो दिया|
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी,
एक हम है कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे|
आ जाते हैं वो भी रोज ख्बाबो मे,
जो कहते हैं हम तो कही जाते ही नही
मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है,
प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं|
तुम्हें चाहने की वजह कुछ भी नहीं,
बस इश्क की फितरत है, बे-वजह होना….!!
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी।
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।
यह इनाएतें गज़ब की यह बला की मेहेरबानी
मेरी खेरियत भी पूछी किसी और की ज़बानी
जरूरत है मुझे नये नफरत करने वालाे की ।
पुराने ताे अब मुझे चाहने लगे है ।
चलते रहेगें शायरी के दौर मेरे बिना भी…
एक शायर के कम हो जाने से शायरी खत्म नहीं हो जाती|
सुनो तुम दिल दुखाया करो इजाजत है
बस कभी भूलने की बात मत करना…
पंखों को खोल कि ज़माना सिर्फ उड़ान देखता है,
यूँ जमीन पर बैठकर, आसमान क्या देखता है|
यूँ जमीन पर बैठकर, आसमान क्या देखता है|
ईश्क की गहराईयो में खूब सूरत क्या है,
मैं हूं , तुम हो, और कुछ की जरूरत क्या है!
जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको,
हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं|
कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िन्दगी की मिसाल दी,
मुट्ठी में धूल ली और हवा में उछाल दी !
तुम ना लगा पाओगे अंदाजा मेरी तबाही का…!!
तुमने देखा ही कहाँ है मुझको शाम होने के बाद…!!
उन घरों में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
क़द में छोटे हों मगर लोग बड़े रहते हैं|
मरने के नाम से जो रखते थे होठों पे उंगलियां,
अफसोस वही लोग मेरे दिल के कातिल निकले|
सच्चाई थी पहले के लोगों की जबानों में
सोने के थे दरवाजे मिट्टी के मकानों में !!
झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब कुछ #छीन लेती है,
मैंने तो मोहब्बत करके, ग़म का खजाना पा लिया|
मुझे मेरी माँ ने एक ही बात सिखाई है,
बेटा कोई हाथ से छीन के लेकर जा सकता है..पर नसीब से नही|
बुरे हे हम तभी तो जी रहे हे..
अच्छे होते तो दुनिया जीने नही देती..
अच्छे होते तो दुनिया जीने नही देती..
बहुत देता है तू उसकी गवाहियाँ और उसकी सफाईयाँ..
समझ नहीं आता तू मेरा दिल है या उसका वकील..!!
दिल मजबूर हो रहा है तुम से बात करने को
बस जिद ये है कि बात की शुरुआत तुम करो
मजबूर ना करेंगे तुझे वादे निभाने के लिए।
तू एक बार वापस आ अपनी यादें ले जाने के लिए|
दिल के किसी कोने में अब कोई जगह नहीं ऐ सनम,
कि तस्वीर हमने हर तरफ तेरी ही लगा रखी है|
एक तो सुकुन और एक तुम..
कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही|
खटखटाए न कोई दरवाजा, बाद मुद्दत मैं खुद में आया हूँ…
एक ही शख़्स मेरा अपना है, मैं उसी शख़्स से पराया हूँ|
एक ही शख़्स मेरा अपना है, मैं उसी शख़्स से पराया हूँ|
देखी जो नब्ज मेरी, हँस कर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ तेरे हर मर्ज की दवा वही है |
ऐ दिल चल छोड अब ये पहरे,
ये दुनिया है झूठी यहाँ लोग हैं लुटेरे|
हुस्न वालों को क्या जरूरत है संवरने की,
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं|
तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई,
मेरे पास तो चश्मदीद गवाह भी तु ही थी|
काश तेरा घर मेरे घर के बराबर होता,
तू न आती तेरी आवाज तो आती रहती|
कभी जो मुझे हक मिला अपनी तकदीर लिखने का…..
कसम खुदा की तेरा नाम लिखुंगी और कलम तोड दुंगी…..
मौजूद थी अभी उदासी रात की,
बहला ही था दिल ज़रा सा के फ़िर भोर आ गयी|
ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस इतनी सी है अब मेरी,
कि साथ तेरा हो और ज़िंदगी कभी खत्म न हो।
करम ही करना है तुझको तो ये करम कर दे….
मेरे खुदा तू मेरी ख्वाहिशों को कम कर दे।
गरीब का दर्द
सुला दिया माँ ने…ये कहकर..!
परियां आएंगी सपनों में रोटियां लेकर..!!
सुला दिया माँ ने…ये कहकर..!
परियां आएंगी सपनों में रोटियां लेकर..!!
तुम बदले तो मज़बूरिया थी
हम बदले तो बेवफा हो गए !!
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का,
सुकून ढूढनें चले थे, नींद ही गवा बैठे”..!!
तेरी याद से शुरू होती है मेरी हर सुबह,
फिर ये कैसे कह दूँ.. कि मेरा दिन खराब है..!!
बंद कर दिए है हमने दरवाज़ें “इश्क” के…
पर तेरी याद हे की “दरारों” मे से भी आ जाती हैं
जिंदगी सफ़र पर निकल चुकी है…
मंजिल कब मिलेगी तू ही बता ये मेरे खुदा..!!
जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना,
बहुत तङपाते हैँ अक्सर सीने से लगाने वाले
बहुत कुछ खरीदकर भी..बहुत कुछ बचा लेता था..!
आज के जमाने से तो, वो बचपन का जमाना अच्छा था..!!
बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर….
जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया|
जिंदगी के पन्ने कोरे ही अच्छे थे..
तूने सपनों की स्याही बिखेर कर दाग दाग कर दिया|
बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना नहीँ रही..
मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करतेँ हैँ.!!
मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करतेँ हैँ.!!
इन्सान सब कुछ कॉपी कर सकता हैं,,,
लेकिन किस्मत और नसीब नही..

कभी रजामंदी, तो कभी बगावत है इश्क..
मोहब्बत राधा की है, तो मीरा की इबादत है इश्क..!! ?
नहीं मांगता ऐ खुदा कि,जिंदगी सौ साल की दे..
दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दे..!!! ?
कोई ? माल में खुश है कोई सिर्फ ? दाल में खुश है
खुशनसीब है वो लोग.. जो हर हाल में

किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
अल्फ़ाज़ से भरपूर मगर ख़ामोश..!!
अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा
जहाँ लोग मिलते कम झांकते ज़्यादा है
जहाँ लोग मिलते कम झांकते ज़्यादा है
बात मुक्कदर पे आ के रुकी है वर्ना,
कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में !
किसी को क्या बताये की कितने मजबूर है हम..
चाहा था सिर्फ एक तुमको और अब तुम से ही दूर है हम।
वहां तक तो साथ चलो जहाँ तक साथ मुमकिन है,
जहाँ हालात बदलेंगे वहां तुम भी बदल जाना.
हम ना बदलेंगे वक्त की रफ़्तार के साथ, हम जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा !!
नजर चाहती है दीदार करना दिल चाहता है प्यार करना
क्या बताऊँ इस दिल का आलम नसीब में लिखा है इंतज़ार करना
अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी…!
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितने सकून से सोया करते थे…!!
अरे कितना झुठ बोलते हो तुम
खुश हो और कह रहे हो मोहब्बत भी की है
सुनो… तुम ही रख लो अपना बना कर..
औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर..!!
कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं मै वो शख़्स नही
वो शायर हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है
झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ सुबह और शाम मैं
सच बोलने की अदा ने हमसे कई अजीज़ यार छीन लिये|
निकली थी बिना नकाब आज वो घर से
मौसम का दिल मचला लोगोँ ने भूकम्प कह दिया
मौसम का दिल मचला लोगोँ ने भूकम्प कह दिया
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा
तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते
अमीरों के लिए बेशक तमाशा है ये जलजला,
गरीब के सर पे तो आसमान टुटा होगा.
नफरत ना करना पगली हमे बुरा लगेगा. . . .
बस प्यार से कह देना अब तेरी जरुरत नही है. .
कुछ इसलिये भी ख्वाइशो को मार देता हूँ
माँ कहती है घर की जिम्मेदारी है तुझ पर
नफरत ना करना पगली हमे बुरा लगेगा. . . .
बस प्यार से कह देना अब तेरी जरुरत नही है. .
जो मेरे बुरे वक्त में मेरे साथ है
मे उन्हें वादा करती हूँ मेरा अच्छा वक्त सिर्फ उनके लिए होगा
ये जो छोटे होते है ना दुकानों पर होटलों पर और वर्कशॉप पर
दरअसल ये बच्चे अपने घर के बड़े होते है
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने
मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये
मोत से तो दुनिया मरती हैं
आशीक तो बस प्यार से ही मर जाता हैं
दिल टूटने पर भी जो शख्स आपसे शिकायत तक न कर सके…
उस शख्स से ज्यादा मोहब्बत आपको कोई और नही कर सकता
बिक रहे हैं ताज महल सड़क-चौराहों पर आज भी..
मोहब्बत साबित करने के लिए बादशाह होना जरुरी नहीं..!!
मोहब्बत साबित करने के लिए बादशाह होना जरुरी नहीं..!!
डूबे हुओं को हमने बिठाया था अपनी कश्ती में यारो,
और फिर कश्ती का बोझ कहकर, हमें ही उतारा गया।
Tere na hone se kuchh bhi nahi badla,.
Bus kal jaha Dil hota tha, Aaj waha dard hota hai..!!
Masla ye nahi k tera hu
Masla ye hai k sirf tera hu..!!
गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी..!!
धोखा देती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक।।
क्योंकि हर पत्थर हीरा नहीं होता।।
लोग ढूँढेंगे हमें भी, हाँ मगर सदियों के बाद।
अजीब खेल है इस मोहब्बत का,
किसी को हम न मिले और न कोई हमे मिला।
वो अपनी मर्जी से बात करते हैँ और
हम कितने पागल हैँ जो उनकी मर्जी का इंतजार करते हैं..!!!
सुना है आज उनकी आँखों आँशु आ गए।
वो बच्चों को लिखना सिखा रही थी.. कि मोहब्बत ऐसे लिखते है।
अजीब रंगो में गुजरी है मेरी जिंदगी।
दिलों पर राज़ किया पर मोहब्बत को तरस गए।
उन्होंने वक़्त समझकर गुज़ार दिया हमको..
और हम.. उनको ज़िन्दगी समझकर आज भी जी रहे हैं..!!
Ae Neend Aaja Ke Ab Koi Nahi Hai Paas Mere.!
Ke Jis Ke Liye Tujhe Chora Tha Woh To Kab Kii So Gaye
Aye Dil! Qasam Se Koi Nahi, Koi Nahi, Koi Nahi,
Yaqeen maano Darwaza Faqat Hawa Se Khula
Kismat Buri Ya Main Bura Yahi Faisla Na Ho Saka
Main Har Kisi Ka ho gaya Bas Koi Mera Na Ho Saka..
Meri Hesiat ka Andaza Tum Ye Jan Ker Laga Lo Ge
Hum Un Ke Kabhi Nahi Hote, Jo Her Kisi Ke Ho Jaye
Wo mera tha, na mera hai, kabhi hoga nahi..
Dimag hai ye kehta.. Dil maanta nahi..
Teri muskurahat, tere kah-kahe kisi aor ke the,
Jo teri ankho se tha tapka, wo main tha..
Ab dekhiye to, kis ki jaan jaati hai,
Maine us ki, us ne meri qasam khayi hai!!!
Aye zindgi tu sach me bhot khubsurat hai
Phir bhi uske bina tu achhi nahi lagti..!!
Woh Kab Ka BhooL Chuka Ho Ga Hamari WaFa Ka Qissa..!!!
Bichar Kar,Kisi Se, Kisi Ko, Kisi Ka, Khayal Kab Rehta Hai..!
कभी टूटा नहीं दिल से तेरी याद का रिश्ता,
गुफ्तगू हो न हो ख्याल तेरा ही रहता है..
कैसा सितम है आपका ये, की रोने भी नही देता..
करीब आते नहीं और खुद से जुदा होने भी नहीं देता।
करीब आते नहीं और खुद से जुदा होने भी नहीं देता।
नज़र चाहती है दीदार करना, दिल चाहता है प्यार करना,
क्या बताएं इस दिलका आलम, नसीब मैं लिखा है इंतज़ार करना..
चलो उसका नही तो खुदा का एहसान लेते हैं…
वो मिन्नत से ना माना तो मन्नत से मांग लेते हैं..
दो रास्ते जींदगी के, दोस्ती और प्यार.!
एक जाम से भरा, दुसरा इल्जाम से..!
ज़िन्दगी ने मर्ज़ का क्या खूब इलाज सुझाया,
वक्त को दवा बताया
ख्वाहिशों से परहेज़ बताया|
मोहब्बत खो गयी मेरी, बेवफ़ाई के दलदल में,
मगर इन पागल आँखो को, आज भी तेरी तलाश रहती है|
थोङा ऐतबार करो मुझ पर
दोस्त हूँ मैं, कोई गैर नही
मुहब्बत हुई है, गुनाह तो नही..
अब जो रूठोगे तोह हार जाउंगी..
मानाने का हुनर भूल चुकी हु|
टूट जायेगी तुम्हारी ज़िद की आदत उस दिन,
जब पता चलेगा की याद करने वाला अब याद बन गया..
“उसे कह दो कि वो किसी और से,मुहब्बत कि ना सोचें,
एक हम ही काफी है,उसे उम्र भर चाहने के लिए..!!”
जिनका मिलना मुकद्दर मे लिखा नही होता..
उनसे मुहबत कसम से कमाल की होती है ।।
उनसे मुहबत कसम से कमाल की होती है ।।
तेरे बाद हमने इस दिलका दरवाज़ा खोला ही नही,
“वरना” बहुत से चाँद आये इस घर को सजाने के लिए..
आज़ाद कर दूंगा तुमको अपनी मुहब्बत की क़ैद से,
करे जो हमसे बेहतर तुम्हारी क़दर पहले वो शख्स तो ढूँढो..
आप जब तक रहेंगे आंखों में नजारा बनकर..
रोज आएंगे मेरी दुनिया में उजाला बनकर..
नहीं अब जख़्म कोई ग़हरा चाहिये..
बस तेरी दुआओं का पहरा चाहिये।
जहर से खतरनाक है यह मोहब्बत,
जरा सा कोई चख ले तो मर मर के जीता है!
सारा झगड़ा ही ख्वाहिशो का है,
ना गम चाहिए ना कम चाहिए..!!!
गुमनामी का अँधेरा कुछ इस तरह छा गया है..
की दास्ताँ बन के जीना भी हमे रास आ गया है।
जिसकी वजह से मेंने छोड़ी अपनी साँस..
आज वो ही आके पूछती हे किसकी हे ये लाश।।
मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता..
बेचारा दिल तुम्हारी खामोशी को इश्क़ समझ बैठा|
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू!
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू!
काश तू बस इतनी सी मोहब्बत निभा दे..
जब मैं रूठूँ तो तू मुझे मना ले…!
बस रिश्ता ही तो टूटा है,
मोहब्बत तो आज भी हमे उनसे है….
रंज़िश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ..
आ फिरसे मुझे छोड़के जानेके लिए आ|
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो..
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है|
कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में ज़बरजस्ती नहीं होती!
दीवानगी मे कुछ एसा कर जाएंगे..
महोब्बत की सारी हदे पार कर जाएंगे।
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे|
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
यू तो खुश है, जमाना मेरी शोहरत से..
मगर कुछ लोग हैं, जिनका दम निकलता हैं|
तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज़ दुनिया की..
सब की मरम्मत मुमकिन है एतबार के सिवा|
सब की मरम्मत मुमकिन है एतबार के सिवा|
बहके बहके ही, अँदाज-ए-बयां होते है..
आप होते है तो, होश कहाँ होते है|
हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर,
कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने|
मुझसे कहती है तेरे साथ रहूंगी!
बहुत प्यार करती है मुझसे मेरी उदासी !!
इतना ही गुरुर था तो मुकाबला इश्क का करती ऐ बेवफा..
हुस्न पर क्या ईतराना जिसकी ओकात ही बिस्तर तक हौ..।।
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नही..
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
सोजा दिल आज धुँध बहुत है….! तेरे शहर में..! अपने दिखते नही
और जो दिखते है ..! वो अपने नही है…!
नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर,
जरा टूटे हुए दिल के टुकङे तो उठा लेने दो!
खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं,
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है।
लगता है खुदा मुझे बुलाने वाला है,
रोज़ मेरी झूटी कसमे खा रही है वो|
मेरी हर बात को उल्टा वो समझ लेते हैं,
अब के पूछा तो कह दूंगा कि हाल अच्छा है..
अब के पूछा तो कह दूंगा कि हाल अच्छा है..
खामोशियाँ में शोर को सुना है मैंने,
ये ग़ज़ल गुंगुनायेगी रात के साये में ।
मिला क्या हमें सारी उम्र मोहब्बत करके,
बस एक शायरी का हुनर, एक रातों का जागना..
ना पीछे मुड़ के देखो, ना आवाज़ दो मुझको,
बड़ी मुश्किल से सीखा है मैंने अलविदा कहना..!
कभी टूटा नहीं मेरे दिल से तेरी यादों का रिश्ता..
गुफ़्तगू किसी से भी हो ख़याल तेरा ही रहता है..
ना छेड़ किस्सा वोह उल्फत का बड़ी लम्बी कहानी है
मैं जिन्दगी से नहीं हारा किसी अपने की मेहरबानी है
हर किसी के हाथ मैं बिक जाने को हम तैयार नहीं..
यह मेरा दिल है तेरे शहर का अख़बार नहीं..
आज भी एक सवाल छिपा है.. दिल के किसी कोने मैं..
की क्या कमी रह गईथी तेरा होने में.
मेरी लिखी किताब, मेरे ही हाथो मे देकर वो कहने लगे
इसे पढा करो, मोहब्बत करना सिख जाओगे..!!
इतनी चाहत तो लाखो रुपए पाने की भी नही होती..
जितनी बचपन की तस्वीर देख कर बचपन में जाने की होती हैं
चुपचाप चल रहे थे.. हम अपनी मंजिल की तरफ..
फिर रस्ते में एक ठेका पड़ा.. और हम गुमराह हो गए।
फिर रस्ते में एक ठेका पड़ा.. और हम गुमराह हो गए।
ऐ जीन्दगी जा ढुंड॒ कोई खो गया है मुझ से.
अगर वो ना मिला तो सुन तेरी भी जरुरत नही मुझे.
कुछ दूर हमारे साथ चलो, हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे ना जिसे तुम आखो से, वो बात जुबानी कह देंगे ।
कितनी ही खूबसूरत क्यों न हो तुम..
पर मैं जानता हूँ.. असली निखार मेरी तारीफ से ही आता है..
होने वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं..
किसी को कहकर, अपना बनाया नही जाता..!!
नक़ाब क्या छुपाएगा शबाब-ए-हुस्न को,
निगाह-ए-इश्क तो पत्थर भी चीर देती है..
ज़िन्दगी जोकर सी निकली
कोई अपना भी नहीं.. कोई पराया भी नहीं
मेरी आँखों में बहने वाला ये आवारा सा आसूँ
पूछ रहा है.. पलकों से तेरी बेवफाई की वजह..
दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर,
जब मासूमियत से वो कहती है मैंने क्या किया है
अगर तुम्हें यकीं नहीं, तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास,
अगर तुम्हें यकीं है, तो मुझे कुछ कहने की जरूरत नही !
तुम बदलो तो….कहेते हो मज़बूरीयाँ है बहोत,
और हम ज़रा सा बदले तो हम बेवफ़ा हो गए|
और हम ज़रा सा बदले तो हम बेवफ़ा हो गए|
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो,
मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते..
यूँ बिगड़ी बहकी बातों का कोई शौक़ नही है मुझको,
वोपुरानी शराब के जैसी है,असर सर से उतरता ही नही..
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना।
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।
पीते थे शराब हम, उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर,
महफ़िल में गए थे हम, यारों ने पिलाई उसकी कसम देकर।
तेरी तलाश में निकलू भी तो क्या फायदा..
तुम बदल गए हो.. खो गए होते तो और बात थी|
तज़ुर्बा है मेरा मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने पाँव फिसलते देखे हैं..
उस शख्स का गम भी कोई सोचे..
जिसे रोता हुआ ना देखा हो किसी ने..
जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे में,
तेरे सामने आने से ज्यादा तुझे छुपके देखना अच्छा लगता है|
खुद पर भरोसे का हुनर सीख ले..
लोग जितने भी सच्चे हो साथ छोड़ ही जाते हैं|
लोग जितने भी सच्चे हो साथ छोड़ ही जाते हैं|
तेरा प्यार भी एक हजार की नोट जैसा है,
डर लगता है कहीं नकली तो नहीं|
डर लगता है कहीं नकली तो नहीं|
आज इतना जहर पिला दो कि सांस तक रुक जाए मेरी,
सुना है कि सांस रुक जाए तो रूठे हुये भी देखने आते है…!
सुना है कि सांस रुक जाए तो रूठे हुये भी देखने आते है…!
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर ,
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं…
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं…
उम्र गुजार दी मैने गमो के कारोबार मे ।
खुदा जाने सुकून बिकता कहा है?
खुदा जाने सुकून बिकता कहा है?
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो,
मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते…!
मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते…!
तुम्हारे खयालो में चलते चलते कही फिसल ना जाऊ मैं,
अपनी यादों को रोक, की मेरे शहर में बारिश का मौसम है..
अपनी यादों को रोक, की मेरे शहर में बारिश का मौसम है..
कुछ रीश्ते ‘रब’ बनाता हे कुछ रीश्ते ‘लोग’ बनाते हे
पर कुछ् लोग बीना कीसी रीश्ते के रीश्ते नीभाते हे, शायद वही ‘दोस्त’ कहेलाते हे|
पर कुछ् लोग बीना कीसी रीश्ते के रीश्ते नीभाते हे, शायद वही ‘दोस्त’ कहेलाते हे|
मुहब्बत में यही खौफ क्यों हरदम रहता है…
कही मेरे सिवा किसी और से तो मुहब्बत नहीं उसे…
कही मेरे सिवा किसी और से तो मुहब्बत नहीं उसे…
खुदा का शुक्र है की ख्वाब बना दिये,
वरना तुम्हे देखने की तो हसरत ही रह जाती।
वरना तुम्हे देखने की तो हसरत ही रह जाती।
मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है,
जिस दिन मेरी आँख ना खुली तुझे निंद से नफरत हो जायेगी|
जिस दिन मेरी आँख ना खुली तुझे निंद से नफरत हो जायेगी|
सुना है आज उस की आँखों मे आसु आ गये..!!
वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है..!!
वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है..!!
घायल किया जब अपनो ने, तो गैरो से क्या गिला करना,
उठाये है खंजर जब अपनो ने, तो जिंदगी की तमन्ना क्या करना|
उठाये है खंजर जब अपनो ने, तो जिंदगी की तमन्ना क्या करना|
न रूठ जाओ तुम मेरी वफाओं से,
मै खुद मना लूंगा तुम्हे दुआओं से।
मै खुद मना लूंगा तुम्हे दुआओं से।
हम भी बडे रहीश थे दिल कि दौलत लूटा बैठे,
किस्मत एेसी पलटी ईश्क के धधे मे आ बैठे|
किस्मत एेसी पलटी ईश्क के धधे मे आ बैठे|
नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
हौसला रखो उसे मनाने का,
वो रूठ जाता है इसी बहाने से|
वो रूठ जाता है इसी बहाने से|
बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने..
अपनी आँखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर|
अपनी आँखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर|
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की,
हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली |
हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली |
ऐ शेख़ मेरे पीने का अंदाज़ देख,
अक्सर शराब में आंसू मिला के पीता हूँ|
अक्सर शराब में आंसू मिला के पीता हूँ|
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना,
मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी…
मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी…
मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी…
बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया…
बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया…
फितरत, सोच और हालात में फर्क है…
वरना ,इन्सान कैसा भी हो दिल का बुरा नही होता..
वरना ,इन्सान कैसा भी हो दिल का बुरा नही होता..
गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल.
ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही..
ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही..
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में,
बस कोई अपना नजऱ अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता
बस कोई अपना नजऱ अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता
तना पानी है तेरे पास ऐ बादल. .
ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही..
ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही..
मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी…
बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया….
बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया….
आजकल के हर आशिक की अब तो यही कहानी है..
मजनू चाहता है लैला को, लैला किसी और की दीवानी है !!!
मजनू चाहता है लैला को, लैला किसी और की दीवानी है !!!
मोहब्बत वक़्त के बे-रहम तूफान से नही डरती ,
उससे कहना, बिछड़ने से मोहब्बत तो नही मरती .
उससे कहना, बिछड़ने से मोहब्बत तो नही मरती .
जिंदगी के रूप में दो घूंट मिले,
इक तेरे इश्क का पी चुके हैं..दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं !!!!
इक तेरे इश्क का पी चुके हैं..दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं !!!!
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमे;
छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं..
छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं..
जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह….!
ए खुदा “फिर क्यू सिर्फ मेरा ही दिल तडफता है उस के लिये…!
ए खुदा “फिर क्यू सिर्फ मेरा ही दिल तडफता है उस के लिये…!
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह,
मगर ख़ामोश रहेता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह|
मगर ख़ामोश रहेता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह|
ऊपर वाले ने कितने लोगो की तक़दीर सवारी है ….
काश वो एक बार मुझे भी कह दे के आज तेरी बारी है|
काश वो एक बार मुझे भी कह दे के आज तेरी बारी है|
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह,
मगर ख़ामोश रहेता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह…
मगर ख़ामोश रहेता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह…
झूठ बोलते थे कितना, फिर भी सच्चे थे हम
ये उन दिनों की बात है, जब बच्चे थे हम !!
ये उन दिनों की बात है, जब बच्चे थे हम !!
ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत,
दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!
दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में,
बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता !!
बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता !!
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो, किसी हसीन शाम के साथ !
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो, किसी हसीन शाम के साथ !
अपनी ईन नशीली निगाहों को, जरा झुका दीजिए जनाब…
मेरे मजहब में नशा हराम है…
मेरे मजहब में नशा हराम है…
आज किसी की दुआ की कमी है, तभी तो हमारी आँखों में नमी है,
कोई तो है जो भूल गया हमें, पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..
कोई तो है जो भूल गया हमें, पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..
चारों तरफ़ लकडहारे हैं,
फिर भी पेड कहाँ हारे हैं..!
फिर भी पेड कहाँ हारे हैं..!
दुनिया के रैन बसेरे में पता नहीं कितने तक रहना है,
जीत लो लोगों के दिलों को बस यही जीवन का गहना है…..
जीत लो लोगों के दिलों को बस यही जीवन का गहना है…..
एक तुम हो कि कुछ कहती नहीं,
एक तुम्हारी यादें हैं, कि चुप रहती नही..
एक तुम्हारी यादें हैं, कि चुप रहती नही..
हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआ,
अनकही बात को किस तरह सुना जाता है…!!
अनकही बात को किस तरह सुना जाता है…!!
कोई पत्थर चोट खाके कंकर कंकर हो गया,
और कोई पत्थर चोट सहके शंकर शंकर हो गया|
और कोई पत्थर चोट सहके शंकर शंकर हो गया|
तुम मोहब्बत के सौदे भी अजीब करते हो,
बस मुस्कुरा देते हो और अपना बना लेते हो|
बस मुस्कुरा देते हो और अपना बना लेते हो|
हमारे महफिल में लोग बिन बुलाये आते है क्यू,
की यहाँ स्वागत में फूल नहीं दिल बिछाये जाते है|
की यहाँ स्वागत में फूल नहीं दिल बिछाये जाते है|
बर्बाद होने के और भी रास्ते थे,
ना जाने मुझे मोहब्बत का ही ख्याल क्यूँ आया|
ना जाने मुझे मोहब्बत का ही ख्याल क्यूँ आया|
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू|
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू|
ऐ समुन्द्र तेरे से वाकिफ हूँ … मगर इतना बताता हूँ,
वो आँखे तुझसे ज्यादा गहरी है, जिनका में आशिक हूँ|
वो आँखे तुझसे ज्यादा गहरी है, जिनका में आशिक हूँ|
तू घडी भर के लिए मेरी नज़रो के सामने आजा,
एक मुद्द्त से मैंने खुद को आईने में नहीं देखा
एक मुद्द्त से मैंने खुद को आईने में नहीं देखा
उसे रास ही ना आया मेरा साथ वरना
मैं उसे जीते जी ख़ुदा बना देता.
मैं उसे जीते जी ख़ुदा बना देता.
लोग कहते हें…वक्त किसी का गुलाम नही होता,
फिर क्युँ तेरी मुस्कुराहट पे ये थम सा जाता हे?
फिर क्युँ तेरी मुस्कुराहट पे ये थम सा जाता हे?
जितने वाला ही नहीं.. बल्कि ‘कहाँ पे क्या हारना है’
ये जानने वाला भी सिकंदर होता है..||
ये जानने वाला भी सिकंदर होता है..||
हाथ की नब्ज़ काट बैठा हूँ,
शायद तुम दिल से निकल जाओ ख़ून के ज़रिये..
शायद तुम दिल से निकल जाओ ख़ून के ज़रिये..
यारों ख्वाबों मे कह देता हूँ .. जिनसे हर बात.,
आज सामने आए तो.. अल्फाजो ने साथ छोड दिया मेरा..!!
आज सामने आए तो.. अल्फाजो ने साथ छोड दिया मेरा..!!
अये मौत तुझे तो गले लगा लूँगा बस जरा तो ठहर
है हसरत दिल की तुझसे पहले उसे गले लगाने की
है हसरत दिल की तुझसे पहले उसे गले लगाने की
इश्क मोहब्बत की बातें कोई ना करना
एक शख्स ने जी भर के हमे रुलाया जो है
एक शख्स ने जी भर के हमे रुलाया जो है
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं.
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं.
कदमो को रुकने का हुनर नहीं आया
सभी मंजिले निकल गयी पर घर नहीं आया…
सभी मंजिले निकल गयी पर घर नहीं आया…
एक चाहत थी आपके साथ जीने की,
वरना मोहब्बत तो किसी और से भी हो सकती थी..
वरना मोहब्बत तो किसी और से भी हो सकती थी..
काश दिल की आवाज़ में इतना असर हो जाए..
हम याद करें उनको और उन्हें ख़बर हो जाए !
हम याद करें उनको और उन्हें ख़बर हो जाए !
मेरी मोहब्बत सच्ची है इसलिए तेरी याद आती है..
अगर तेरी बेवफाई सच्ची है तो अब याद मत आना.
अगर तेरी बेवफाई सच्ची है तो अब याद मत आना.
लोग शोर से जाग जाते हैं साहब ,
मुझे एक इंसान की ख़ामोशी सोने नही देती !!
मुझे एक इंसान की ख़ामोशी सोने नही देती !!
हमे क्या पता था, आसमा ऐसे रो पडेगा..,
हमने तो बस इन्हें अपनी दास्ता सुनाई थी..!!!
हमने तो बस इन्हें अपनी दास्ता सुनाई थी..!!!
मानो तो हर पत्थर मेँ खुदा बसता है. .
अंदाज यही से लगा सकते हैँ आप, कि खूदा कितना सस्ता है. . .
अंदाज यही से लगा सकते हैँ आप, कि खूदा कितना सस्ता है. . .
नाजुक मिजाज हूँ कुछ, कुछ दिल से भी हूँ परेशाँ
पायल पहन के पांव में मै छमछम से डर गई
पायल पहन के पांव में मै छमछम से डर गई
तुझे रख लिया इन यादों ने..फूल सा किताब में…
इस दिल में तुम रहेगे सदा..और महकोगे इन साँसों में…।।
इस दिल में तुम रहेगे सदा..और महकोगे इन साँसों में…।।
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर..,
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं..
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं..
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी।
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।.
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।.
जब जी चाहे नई दुनिया बना लेते है लोग
एक चेहरे पे कई चहरे लगा लेते है लोग..
एक चेहरे पे कई चहरे लगा लेते है लोग..
महफ़िल भले ही प्यार वालों की हो..
उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शराबीही लाता हैं…
उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शराबीही लाता हैं…
जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है,
जो मुसाफिर थे वो रास नहीं आये,
जिन्हें चाहा वो साथ नहीं आये ..!!
जो मुसाफिर थे वो रास नहीं आये,
जिन्हें चाहा वो साथ नहीं आये ..!!
दिल मे खुशी हो तो.. छलक जाती हैं..!
मुस्कुराहटें.. वजह की मोहताज नही होती..!!
मुस्कुराहटें.. वजह की मोहताज नही होती..!!
कब दोगे ‘रिहाई’ मुझे इन यादोँ की ‘कैद’ से..
ऐँ ‘इश्क.. अपने ‘जुल्म’ देख.. मेरी ‘उम्र’ देख….
ऐँ ‘इश्क.. अपने ‘जुल्म’ देख.. मेरी ‘उम्र’ देख….
वह मेरा वेहम था की वो मेरा हमसफ़र है।
वह चलता तो मेरे साथ था पर किसी और की तलाश में।
वह चलता तो मेरे साथ था पर किसी और की तलाश में।
तरीका मेरे क़त्ल का, ये भी इजाद करो..
कि मर जाऊँ मै हिचकियो से, मुझे इतना याद करो..
कि मर जाऊँ मै हिचकियो से, मुझे इतना याद करो..
गर मेरी चाहतों के मुताबिक ज़माने की हर बात होती
तो बस मैं होता तुम होती और सारी रात बरसात होती !!
तो बस मैं होता तुम होती और सारी रात बरसात होती !!
जब फुरसत मिले तो चाँद से मेरे दर्द की कहानी पुछ लेना,
एक वो ही है मेरा हमराज तेरे जाने के बाद|
एक वो ही है मेरा हमराज तेरे जाने के बाद|
नकाब तो उनका सर से ले कर पांव तक था..
मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो |
मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो |
चेहरे ‘अजनबी’ हो जाये तो कोई बात नही, लेकिन
रवैये ‘अजनबी’ हो जाये तो बडी ‘तकलीफ’ देते हैं !
रवैये ‘अजनबी’ हो जाये तो बडी ‘तकलीफ’ देते हैं !
मेरे टूटने की वजह मेरे जौहरी से पूछो,
उसकी ख्वाहिश थी कि मुझे थोड़ा और तराशा जाय…
उसकी ख्वाहिश थी कि मुझे थोड़ा और तराशा जाय…
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने,
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए।
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए।
लिखी है खुदा ने मोहब्बत सबकी तक़दीर में,
हमारी बारी आई तो स्याही ही ख़त्म हो गई।
हमारी बारी आई तो स्याही ही ख़त्म हो गई।
रिवाज तो यही हे दुनिया का मिल जाना और बिछड जाना,
तुम से ये कैसा रिशता है ना मिलते हो ना बिछडते हो|
तुम से ये कैसा रिशता है ना मिलते हो ना बिछडते हो|
तेरा ख़याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेदर्द मैं ने तुझ को भुलाया नहीं अभी|
बेदर्द मैं ने तुझ को भुलाया नहीं अभी|
इतना ही गरूर था तो मुकाबला इश्क़ का करती ए बेवफा ..
हुस्न पर क्या इतराना जिसकी ओकात ही बिस्तर तक हो
हुस्न पर क्या इतराना जिसकी ओकात ही बिस्तर तक हो
तेरी दुनिया का यह दस्तूर भी अजीब है ए खुदा..
मोहब्बत उनको मिलती है, जिन्हें करनी नहीं आती..
मोहब्बत उनको मिलती है, जिन्हें करनी नहीं आती..
अंदाज़ बदलने लगते हैं होठों पे शरारत होती
है, नजरों से पता चल जाता है जिस दिल में मोहब्बत होती है.
है, नजरों से पता चल जाता है जिस दिल में मोहब्बत होती है.
आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग..
जब ‘रूह’निकल जाएगी तो कफन हटाहटा कर देखेंगे लोग..
जब ‘रूह’निकल जाएगी तो कफन हटाहटा कर देखेंगे लोग..
थोडा अकड के चलना सीख लो दोस्तों..!!!
मौम जैसा दिल लेके फिरोगे… तो लोग जलाते रहेंगे और पिघलाते ही रहेंगें ..!!!
मौम जैसा दिल लेके फिरोगे… तो लोग जलाते रहेंगे और पिघलाते ही रहेंगें ..!!!
क्या लिखूँ ,
अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों..
वो लोग ही बिछड़ गए ‘ जो जिंदगी हुआ करते थे|
अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों..
वो लोग ही बिछड़ गए ‘ जो जिंदगी हुआ करते थे|
रिश्ता दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए, दिल में नहीं !
नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए, दिल में नहीं !
तेरा नज़रिया मेरे नज़रिये से अलग था,
शायद तुझे वक्त गुज़ारना था और मुझे जिन्दगी !
शायद तुझे वक्त गुज़ारना था और मुझे जिन्दगी !
माना के सब कुछ पा लुँगा मै अपनी जिन्दगी मै
मगर वो तेरे मैहदी लगे हाथ मेरे ना हो सकेंगे…
मगर वो तेरे मैहदी लगे हाथ मेरे ना हो सकेंगे…
जिनके प्यार बिछड़े है उनका सुकून से क्या ताल्लुक़,
उनकी आँखों में नींद नही सिर्फ आंसू आया करते है.
उनकी आँखों में नींद नही सिर्फ आंसू आया करते है.
अभी तक मौजूद हैं इस दिल पे तेरे क़दमों के निशान,
हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया.
हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया.
कोई नही आऐगा मेरी जिदंगी मे तुम्हारे सिवा,
एक मौत ही है, जिसका मैं
वादा नही करता ।।
एक मौत ही है, जिसका मैं
वादा नही करता ।।
ख़ामोशी बहुत कुछ कहती हे,
कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो !!
कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो !!
मुझे सिर्फ दो चीजों से डर लगता है,
1 तेरे रोने से और 2 तुझे खोने से…
1 तेरे रोने से और 2 तुझे खोने से…
मुझसे इश्क, मुहब्बत, प्यार न कर,
अपनी ज़िन्दगी को तू बेकार न कर…
अपनी ज़िन्दगी को तू बेकार न कर…
नाराज़गी तो यहा हर किसी में भरी है,
मेरे दिल को ही देख लो अपना होकर भी नाराज है।
मेरे दिल को ही देख लो अपना होकर भी नाराज है।
हर किसी पर दोस्तों ऐतबार मत करना,
धोखेबाजों के लिए ज़िन्दगी बर्बाद मत करना…
धोखेबाजों के लिए ज़िन्दगी बर्बाद मत करना…
तू मेरी धड़कन, तेरी रूह,
तू अगर हैं, तो मैं हूँ|
तू अगर हैं, तो मैं हूँ|
कुछ लौग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पुँछते..
कि यै पागल दिवाना फिर कोई शायरी न सुना देँ.
कि यै पागल दिवाना फिर कोई शायरी न सुना देँ.
टहनियाँ बेचारी नाहक थरथराती रहती हैं..
ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं
वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले
लगता है मेरी नींद का किसी के साथ चक्कर चल रहा है,
सारी सारी रात गायब रहती है !!!
सारी सारी रात गायब रहती है !!!
अहसास मिटा,तलाश मिटी, मिट गई उम्मीदें भी..
सब मिट गया पर जो न मिट सका वो है यादें तेरी
सब मिट गया पर जो न मिट सका वो है यादें तेरी
अरे पगली किराए का घर समझकर ही मेरे दिल मेँ बस जाओ
मैँ समझूँगा कि मेरे दिल का मकान मालिक रहने आया है
मैँ समझूँगा कि मेरे दिल का मकान मालिक रहने आया है
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