Mix Shayri collection 49 / एक से बढ़ कर एक चुनिन्दा मिक्स शायरी संग्रह 49
दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले,,
कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.
कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.
वहीँ तारीख वहीँ दिन वहीँ समा बस वो लोग नहीं जिन्होंने बना दिया यादगार हर लम्हा.
जींदगी गुझर गई सारी कांटो की कगार पर,
और फुलो ने मचाई है भीड़ हमारी मझार पर!!
सुनो तुम मेरी जिद नहीं जो पूरी हो…
तुम मेरी धड़कन हो जो जरुरी हो..
और कितने इम्तेहान लेगा वक़्त तू
ज़िन्दगी मेरी है फिर मर्ज़ी तेरी क्यों
यकीन नहीं होता फिर भी कर ही लेता हूँ…
जहाँ इतने हुए एक और फरेब हो जाने दो…
जो लम्हा साथ हैं, उसे जी भर के जी लेना.
कम्बख्त ये जिंदगी.. भरोसे के काबिल नहीं है.!
तुम भी अच्छे … तुम्हारी वफ़ा भी अच्छी,
बुरे तो हम है जिनका दिल नहीं लगता तुम्हारे बिना…
सुनो! बार बार मेरी प्रोफाइल खोल के #तस्वीर ना देखा करो…
नज़र मोहब्बत की होगी तो नज़र लग जाऐगी !!
मुस्कुरा देता हूँ अक्सर देखकर पुराने खत तेरे,,,
तू झूठ भी कितनी सच्चाई से लिखती थी..
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..
जब नफ़रत करते करते थक जाओ..।
तो एक मौका प्यार को भी दे देना।।
खामोशियाँ – बहुत कुछ कहती हैं,
कान नही दिल लगा कर सुनना पड़ता है..
मैंने उसे बोला ये आसमान कितना बड़ा है ना,
पगली ने गले लगाया और कहा इससे बड़ा तो नहीं..
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहेब,
सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से..!!
मैने जो पुछा उनसे कि.. यूँ बात बात पे रूलाते क्युँ हो..
वो बङे प्यार से बोली, मुझे बहता हुआ पानी बेहद पंसद है.
शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो..
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते..!!
जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे,
मेरी बेवफायी से ही मर जाओगे या मार के जाऊ!!
ठहर सके जो.. लबों पे हमारे,
हँसी के सिवा, है मजाल किसकी.
तुम पल भर के लिए दूर क्या जाते हो,
तो हम ‘बिखरने’ से लगते हैं..
मोहब्बत भी ठंड जैसी है,
लग जाये तो बीमार कर देती है..
लग जाये तो बीमार कर देती है..
जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से करता चला गया
और हमने बात बात में हर बात मान ली
हम बने ही थे तबाह होने के लिए..
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था.!!
खेल ताश का हो या जिंदगी का,
अपना इक्का तब ही दिखाना जब सामने बादशाह हो ।
मुझे क़बूल है.. हर दर्द.. हर तकलीफ़ तेरी चाहत में..
सिर्फ़ इतना बता दो.. क्या तुम्हें मेरी मोहब्बत क़बूल है..?
दुनिया खरीद लेगी हर मोड़ पर तुझे…
तूने जमीर बेचकर अच्छा नहीं किया..
मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं ..
मुझे गैर कहने वाले.. तेरी बात मे दम है.
कभी आपको याद आई कभी हमने याद किया..
खैर छोड़ो ये बेकार सियासत चलो आओ बात करें
ज़िन्दगी में कई ऐसे लोग भी मिलते हैं
जिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह सकते हैं..
सच के रास्ते पे चलने का.. ये फ़ायदा हुआ,
रास्ते में कहीं भीड़ नहीं थी ।
नज़रों से दूर सही दिल के बहुत पास है तू..
बिखरी हुई इस ज़िन्दगी में मेरे जीने की आस है तू..
बिखरी हुई इस ज़िन्दगी में मेरे जीने की आस है तू..
वो मेरी हर दुआ में शामिल था
जो किसी और को बिन मांगे मिल गया
तुम थोड़ी सी #फुलझड़ी क्या हुई..
पूरा मौहल्ला ही #माचिस हो गया..
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..!
कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को ऐ-बेखबर
ये खुद ही ढून्ढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो ..
मैने कहा बडी तीखी मिर्च होयार तुम..!!
वो.. मेरे होठचुम करबोलीऔर अब!!
Aaj Koi Shayari Nahi Bas Itna Sun Lo
Mei Tanha Hu aur Wajah Tum Ho…!!
Rehte Hain Aas-Paas Hi Lekin Saath Nahi Hote..
Kuch Log Jalte Hain Mujhse Bus Qaakh Nahi Hote!!
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है!
Udne de inn parindon ko ae dost,
jo tere honge laut hi aayenge kisi roz!
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,
बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..!!
बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..!!
तुझसे मैँ इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता,
सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती|
कागज अपनी क़िस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी काबिलियत से,
क़िस्मत साथ दे या न दे पर काबिलियत जरुर साथ देगी..!!
“जान” थी वो मेरी,
और जान तो एक दिनचली ही जाती है ना..!!
हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में,
मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये|
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!
वो जब पास मेरे होगी तो शायद कयामत होगी,
अभी तो उसकी तस्वीर ने ही तवाही मचा रखी है|
लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,
कभी मिलना हमसे हम वो सीमा अक्सर पार करके जाते है|
पतझड आती है तो पते टूट जाते है,
नया साथ मिल जाए तो पुराने छूट ही जाते है|
फिर पलट रही हे सदिॅयो सी सुहानी रातें,
फिर तेरी याद मे जलने के जमाने आ गए|
तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास,
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..!!
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..!!
हमे हारने का शोख नहीँ,
बस हम खेलते हे उस अंदाज से की लोग मैदान छोड देते हैं..!!
बस हम खेलते हे उस अंदाज से की लोग मैदान छोड देते हैं..!!
कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं,
जब दिल भर जाता है.. तो लोग अक्सर रूठ जाया करते हैं..!!
जब दिल भर जाता है.. तो लोग अक्सर रूठ जाया करते हैं..!!
क्या ऎसा नहीं हो सकता के हम तुमसे तुमको माँगे,
और तुम मुस्कुरा के कहो के अपनी चीजें माँगा नहीं करते..!!
और तुम मुस्कुरा के कहो के अपनी चीजें माँगा नहीं करते..!!
जो आज तेरे पास है वो हमेशा नहीं रहेगा,
कुछ दिन बाद तू आज जैसा नहीं रहेगा..!!
कुछ दिन बाद तू आज जैसा नहीं रहेगा..!!
जब कागज़ पर लिखा मैंने माँ का नाम,
कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम..!!
कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम..!!
सुनो, एकदम से जुदाई मुश्किल है,
मेरी मानों कुछ किश्तें तय कर लो..!!
मेरी मानों कुछ किश्तें तय कर लो..!!
ये जो तुम मेरा हालचाल पूछते हो,
बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो..!!
बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो..!!
फिर तेरी याद, फिर तेरी तलव,
फिर तेरी बातें, ऐसे लगता है ऐ दिल तुझे मेरा सकून नही आता..!!
फिर तेरी बातें, ऐसे लगता है ऐ दिल तुझे मेरा सकून नही आता..!!
तोड़ दो ना वो कसम जो खाई है,
कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है..!!
कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है..!!
सुकून की बातमत कर ऐ दोस्त..
बचपन वाला ‘इतवार’ जाने क्यूँ अब नहीं आता।
बचपन वाला ‘इतवार’ जाने क्यूँ अब नहीं आता।
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर..
वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।
वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।
चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने,
सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया।
सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया।
सिखा दी बेरुखी भी ज़ालिम ज़माने ने तुम्हें,
कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आज़माते हो।
कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आज़माते हो।
वो जिनके हाथ में.. हर वक्त छाले रहते हैं..
आबाद उन्हीं के दम पर.. महल वाले रहते हैं|
आबाद उन्हीं के दम पर.. महल वाले रहते हैं|
ना शौक दीदार का, ना फिक्र जुदाई की,
बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग … जो, मोहब्बत नहीँ करतेँ!
बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग … जो, मोहब्बत नहीँ करतेँ!
मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो ‘दोस्तों’
मिट्टी के खिलौनों से कभी वफ़ा नहीं मिलती
मिट्टी के खिलौनों से कभी वफ़ा नहीं मिलती
कुछ इस तरह बुनेंगे हम अपनी तकदीर के धागे
कि अच्छे अच्छो को झुकना पड़ेगा हमारे आगे!
कि अच्छे अच्छो को झुकना पड़ेगा हमारे आगे!
बहुत ज़ालिम हो तुम भी मुहब्बत ऐसे करते हो
जैसे घर के पिंजरे में परिंदा पाल रखा हो|
जैसे घर के पिंजरे में परिंदा पाल रखा हो|
मेरे अन्दर कुछ टूटा है
बस दुआ करो वो दिल ना हो…!!!!!
बस दुआ करो वो दिल ना हो…!!!!!